शिशुगीत

शिशुगीत – 24

1. मकर संक्रांति

सर्दी अब काफी कम है
हुई धूप भी चम-चम है
चलो दही-चूड़ा खायें
सब्जी, तिलकुट भी लायें

2. गणतंत्र दिवस

लालकिले पर सजा तिरंगा
राष्ट्रपति जी ने फहराया
हम सब करते नमन देश को
है गणतंत्र दिवस जो आया

3. जलेबी

गरम जलेबी बहुत सुहाती
सब लोगों का जी ललचाती
हाँ ज्यादा मत खाना इसको
मोटा भी जल्दी करवाती

4. गाजर

गाजर का हलवा यम-यम
जब सर्दी का हो मौसम
इसे जरूर बनायें सब
खुशी-खुशी फिर खायें सब

5. कुहासा

भई कुहासे, छँट भी जाओ
बंद स्कूल को मत करवाओ
घर में बैठे बोर बहुत हम
बच्चों को इतना न सताओ

*कुमार गौरव अजीतेन्दु

शिक्षा - स्नातक, कार्यक्षेत्र - स्वतंत्र लेखन, साहित्य लिखने-पढने में रुचि, एक एकल हाइकु संकलन "मुक्त उड़ान", चार संयुक्त कविता संकलन "पावनी, त्रिसुगंधि, काव्यशाला व काव्यसुगंध" तथा एक संयुक्त लघुकथा संकलन "सृजन सागर" प्रकाशित, इसके अलावा नियमित रूप से विभिन्न प्रिंट और अंतरजाल पत्र-पत्रिकाओंपर रचनाओं का प्रकाशन