“दोहा”
बाबा भोलेनाथ की, महिमा अपरम्पार
भंग भष्म की आरती, शक्ति सत्य आपार।।-1
डम डम डमरू बज रहा, आदि कलश कैलाश
अर्ध चन्द्रमा खिल गया, गंगा धवल प्रकाश।।-2
जय गणेश जय कार्तिके, जय नंदी महराज
जय जय मातु पार्वती, मातु शीतला राज।।-3
डोला माँ का सज गया, जय चैत्री नवरात
नव नव गरवे घूमती, माँ दुर्गा नव मात।।-4
भूल चूक कर माँ क्षमा, विनय करूँ कर जोर
सेवक गौतम पग पड़ा, दे आशीष अँजोर।।-5
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी