गीत/नवगीत

गीत- साथी साथ निभाऊंगा

साथी साथ निभाऊंगा मैं।

जीवन राग मिलाऊंगा मैं॥

 

अधरों पर मुस्कान सदा हो।

जीवन में गुणगान सदा हो॥

ऐसा मीत बनाऊंगा मैं।

साथी साथ निभाऊंगा मैं॥

 

जीवन में इक फूल खिला हो।

खुशियाँ आए दूर गिला हो॥

पुनः उजाला लाऊँगा मैं।

साथी साथ निभाऊंगा मैं॥

 

अब जीवन में ज्ञान सदा हो।

हर दिल में सम्मान सदा हो॥

ऐसी रीति बनाऊंगा मैं।

साथी साथ निभाऊंगा मैं॥

 

तुमसे कोई नहीं खफा हो।

अब जीवन में सदा वफा हो॥

ऐसा रंग जमाऊंगा मैं।

साथी साथ निभाऊंगा मैं॥

 

जीवन मैं अब प्यार भरा हो।

दर्द नहीं अब कभी जरा हो॥

सारे रंज मिटाऊंगा मैं।

साथी साथ निभाऊंगा मैं॥

 

खुशियों का भंडार भरा हो।

सपनों का संसार हरा हो।

पूरा ख्वाब कराऊंगा मैं।

साथी साथ निभाऊंगा मैं॥

 

तूफानों के संग लड़ा हो।

हर कोई अब संग खड़ा हो॥

ऐसी आस जगाऊंगा मैं।

साथी साथ निभाऊंगा मैं॥

 

दिनेश कुशभुवनपुरी