मोदी सरकार के बेमिसाल तीन साल
विगत 14 मई 2014 के दिन जब लोकसभा के चुनाव परिणाम आ रहे थे तब उस दिन शाम होते-होते देश में एक नये सूर्य का उदय हो रहा था। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 35 वर्षों के बाद भाजपा को ही नहीं अपितु राजग गठबंधन को भी पूर्ण बहुमत मिल गया। राजनैतिक विश्लेषकों को इस बात का अनुमान नहीं था कि किसी दल को अकेले ही पूर्ण बहुमत मिल सकता है। भारतीय जनता पार्टी के लिए ये बेहद गौरवशाली क्षण तो थे ही, साथ ही भारतीय लोकतंत्र व जनता की परिपक्वता की भी बात हो रही थी। पीएम मोदी की जीत कई मायनों में ऐतिहासिक थी।
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अब तीन साल का लम्बा सफर तय कर चुकी है तथा अब इस सरकार के कामकाज का आंकलन किया जा सकता है, किया भी जा रहा है। मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर भाजपा पूरे देश में जश्न मनाने की तैयारी कर रही है। हालांकि विपक्ष सरकार के कामकाज को अपने ही नजरिये से देख रहा है तथा सरकार को कश्मीर सहित तमाम मामलों में अभी तक नाकाम ही मान रहा है। जबकि विपक्ष के दावों के विपरीत वास्तविकता और आंकडे कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के संभवतः पहले ऐसे प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, जिन्होंने बिना थके, बिना रुके तथा बिना अवकाश के गरीबों के हित में लगातार काम करते जा रहे हैं। पीएम मोदी के दिमाग में देश के लिए सदा कुछ न कुछ नया करने के विचार चला ही करते हैं तथा वह देश की जनता के बीच अपने विचारों का प्रस्तुतीकरण भी बिल्कुल नये आंदाज में करते भी है आज उसी का प्रतिफल है कि देश के अधिकांश हिस्से में भाजपा का राज्य है।
पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद केवल सरकार में ही बदलाव आया है ऐसा नहीं है। अपितु राजग सरकार बनने के बाद पूरे देशभर में अब भाजपा की स्वीकार्यता भी बढ़ रही है। केंद्र में सत्तारूढ़ होने के बाद जम्मू कश्मीर में भाजपा ने अपनी धुर विरोधी पीडीपी के साथ सरकार बनाकर पूरे देश को चैंका दिया था। राजनैतिक विश्लेषक जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी की सरकार बनने के बाद आश्चर्यचकित थे तथा वे सोच रहे थे कि यह सरकार बहुत लम्बे समय तक नहीं चल पायेगी लेकिन आज भी बेहद कठिन समय के दौर से गुजरने के बाद भी सरकार चल रही हैं। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद 2015 में दिल्ली व बिहार में भाजपा को पराजय का मुंह देखना पड़ गया था। तब लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि पीएम मोदी का जादू अब उतार पर है।
लेकिन जब पीएम मोदी ने एकाएक 8 नवंबर 2016 को अचानक से टीवी पर आकर यह नोटबंदी का ऐलान कर दिया तो पूरे देशभर में एक तूफान सा आ गया। विरोधी दलों में हडकम्प मच गया था। जो विरोधी दल केंद्र सरकार व पीएम मोदी से यह सवाल कर रहे थे कि आखिर कालेधन के खिलाफ सरकार क्या कदम उठाने जा रही है अब उन्हीं लोगों ने सरकार के कदम के खिलाफ महागठबंधन कर लिया था। विपक्ष ने नोटबंदी के बाद सरकार को डिगाने व पूरे देशभर में जनआक्रोश पैदा करने के हर संभव प्रयास किये, लेकिन जनता सरकार के साथ पूरी ताकत व धैर्य के साथ खड़ी रही। विपक्ष ने नोटबंदी के खिलाफ वातावरण बनाने के लिए संसद का पूरा एक सत्र बर्बाद कर दिया था, जिसका बुरा परिणाम उसे देशभर में हुए निकाय चुनावों से लेकर विधानसभा चुनावों तक में उठाना पड़ गया। सरकार का नोटबंदी का फैसला देशहित में उठाया गया एक ऐतिहासिक व क्रांतिकारी कदम था।
पीएम मोदी ने अपने फैसले को गरीबों के हक में और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया कदम बताया। सरकार का कहना था कि यह कदम नक्सलवाद, आतंकवाद, तस्करी व जाली नोटों की तस्करी के खिलाफ उठाया गया कदम है। सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ महाजंग का ऐलान कर दिया था। अपने निर्णय के बाद पीएम मोदी ने जितने भी भाषण दिये वह गरीबों के हक में व भ्रष्टाचार के खिलाफ दिये। पीएम मोदी का साफ कहना है कि 70 साल में जिन लोगों ने देश को लूटा है उन्हें तो अपना हिसाब देना ही होगा। आज जब सरकार अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है तब बेनामी संपत्ति के अंतर्गत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार सहित कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम व उनके बेटे के खिलाफ छापमारी कर जांच भी शुरू कर दी है। सरकार कालेधन के खिलाफ लगातार काम कर रही है। सरकार का अनुमान है कि नोटबंदी के बाद 23 हजार करोड़ रूपये के कालेधन का पता चल चुका है।
पीएम मोदी अपनी जनसभाओं में कहा करते थे कि सरकार गरीबों के लिए होनी चाहिए तथा गरीबों के लिए सोचने व काम करने वाली होनी चाहिए। पीएम मोदी ने बाकायदा अपने आप को देश का प्रधानसेवक तो घोषित किया ही साथ ही यह भी ऐलान किया कि उनकी सरकार गरीबो के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है। पीएम मोदी का यह दावा बिलकुल सही है कि पिछली सरकारों में समाचारपत्रों में खबरें बनतीं थीं कि कितना गया, कितना गया लेकिन अब वहीं विपक्ष सरकार से पूंछ रहा है कि कितना आया, कितना आया। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है। नोटबंदी वाकई में एक बेहद साहसिक कदम था। सरकार के फैसले के बाद घरों में नोटों को छिपाकर रखने वाले लोगों के चेहरे से नकाब उतरने लग गया था। किसी ने नोटों को नदी में फेंका, किसी ने पार्क में फेंका। नोटों को जलाया तक गया। लोगों ने हर तरह से नोटों को छिपाने की कोशिश की लेकिन वह पीएम मोदी के दूरबीन से नहीं बच सके।
सरकार के इस कदम के बाद जितने भी चुनाव हुए वहां पर भाजपा को जबर्दस्त कामयाबी मिली। 2017 में पांच प्रांतों के विधानसभा चुनाव हुए जिसमें उप्र व उत्तराखंड में तो पूर्ण बहुमत मिल गया लेकिन गोवा व मणिपुर में भी भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही। भाजपा के लिए उप्र की जीत वाकई में बहुत ही ऐतिहासिक और अविस्मरणीय है। उप्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब पीएम मोदी पर कुछ दबाव कम हो गया है तथा अब उन्होंने 2019 का किला फतह करने के लिए मजबूत घेराबंदी अभी से शुरू कर दी है।
पीएम मोदी की सरकार ने अब तक कई ऐतिहासिक छोटे व बड़े फैसले भी लिये हैं। पीएम मोदी ने गरीबों के लिए जन-धन योजना के तहत जीरो बैलेंस में खाते खुलवाये। नौकरियों के लिए प्रमाणपत्रों के सत्यापन का काम बंद करवाया। छोटे पदों के लिए साक्षात्कार बंद करवाये। सरकार अब तक 1200 बेकार के कानूनों को रद्द करवाने में सफलता प्राप्त कर चुकी है। केंद्र सरकार देश व समाज तथ गरीबों के हित में लगातार फैसले कर रही है। केंद्र सरकार ने वर्षों से लम्बित सबसे कठिन काम वन रैंक-वन पेंशन का उचित समाधान निकाला। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के एक रविवार को देश की जनता के साथ रेडियो पर मन की बात कर रहे हैं तथा एक प्रकार से वे देश में एक नये बदलाव की बयार उत्पन्न कर रहे हैं। मन की बात में वे हर बार नये विचारों के साथ जनता के सामने आते हैं। स्वच्छता से लेकर पर्यावरण सुरक्षा व ऊर्जा बचत तथा छात्रों व महापुरुषों के विषय में भी बाते ंकरते हैं। पीएम मोदी मन की बात के माध्यम से एक मौन क्रांति लाने का प्रयास कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने अभी हाल ही में देश से वीआइपी कल्चर को समाप्त करने का ऐतिहासिक फैसला किया जिसमें सभी श्रेणियों के वाहन से सभी तरह की बत्तियां हटाने का फैसला हुआ। मोदी सरकार ने सामाजिक कल्याण बहुत सारी योजनाओं का श्रीगणेश किया जिनमें कुछ ने सफलता हासिल की, तो कुछ अभी सफल होने के लिए बेकरार है। तीन साल में सरकार की सबसे बड़ी सफलताओं में रेल बजट को समाप्त करके उसे आम बजट के साथ जोड़ना और 10 हजार करोड़ रुपये की बचत करना। सरकार ने बजट पेश करने की तारीख में बदलाव किया तथा अब वित्तीय वर्ष को बदलने की तैयारी चल रही है। नोटबंदी के बाद अब सरकार कैशलेस सिस्टम की ओर तेजी से बढ़ रही है। पीएम मोदी ने देश में व्यापक पैमाने पर बदलाव लाने के लिए बहुत सारी योजनाओं का शुभारम्भ किया है जिसमें कुछ योजनायें सफल तो रही हैं, लेकिन कुछ योजनायें अभी सफलता का मार्ग खोजने में लगी हुईं हैं।
पीएम मोदी ने जिन योजनाओं को लांच किया है उसमें स्टैंड अप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, फसल बीमा योजना, आदर्श ग्राम योजना, अनुसूचित जाति कल्याण कार्यक्रम, स्वच्छ भारत मिशन सहित छात्रों आदि के लिए तमाम योजनाओं का शुभारम्भ सरकार की ओर से किया जा रहा है। यह बात बिलकुल सही है कि पीएम मोदीे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार रहित सरकार दी है तथा वह एक प्रकार से ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे के आधार पर अपनी सरकार को न्यू इंडिया प्लान के तहत आगे बढ़ा रहे है। पीएम मोदी अपनी हर बात युवाओं को केंद्रित करके कह रहे हैं।
सरकार की यह सबसे बड़ी सफलता है कि आज देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा हुआ है। पर्यटन के माध्यम से कमाई का विकास हुआ ह। जीडीपी दर में वृद्धि हुई है तथा डालर के मुकाबले रुपया काफी मजबूत हुआ है। देश के शेयर बाजार का सेंसेक्स 30 हजार के ऊपर जा रहा है तथा निफ्टी भी लगातार चढ़ रहा है। सरकार की उज्ज्वला योजना कारगर सिद्ध हो रही हैं तथा यह भी माना जा रहा है कि उप्र में यह योजना गेमचेंजर साबित होगी। यह बात भी सही है कि अभी देश में व्यापक बदलाव लाने के लिए सरकार को बहुत कुछ करना है।
सरकार ने तीन साल में नये पैमाने तो स्थापित कर ही दिये हैं। मोदी सरकार आम लोगों व गरीबों की सरकार साबित हुई है। सरकार ने जनहित में बहुत सारे निर्णय लिये हैं जो कि स्वागत योग्य तो है लेकिन अभी उनका प्रतिफल जमीनी धरातल पर उतरने से ही पता चलेगा। सरकार को कई क्षेत्रों में अभी लम्बा सफर तय करना है।
— मृत्युंजय दीक्षित