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लीला तिवानी – बुलंदियों को छूता एक आदर्श

प्रभु की लीला देखिये यह कैसा संयोग है कल योग दिवस था और योग करते करते आज  लीला बहन का ब्लॉग १००० के आंकड़े पर पत्रिकाओं की शोभा बढ़ा रहा है  ।

किसी लेखक के लेख उसकी सबसे बड़ी पूँजी होते हैं ।  लेख यदि कभी कभी प्रकाशित हुआ हो तो ख़ुशी की बात है यदि लगभग हर रोज ही एक ब्लॉग आ रहा हो तो  वाह वाह !  लेख अगर पाठकों को पसंद आते हैं तो ख़ुशी का कई गुना बढ़ जाना लाजमी है ।  लेख अगर कभी कभी प्रसिद्ध पत्रिका की  सबसे चर्चित सुपरहिट  श्रेणी में आते हैं  तो ख़ुशी की बात है लेकिन यदि किसी लेखक के ब्लॉग सदैव सर्वोत्तम सबसे चर्चित सुपरहिट  की श्रेणी में आते हों तो क्या कहने ?  लेखन एक कला है जैसे  मिर्ज़ा ग़ालिब ने कहा है की जो आँख से ही ना टपका वो लहू क्या है, वैसे ही वो लेखनी ही क्या जो दिलों को ना झिंझोड़ दे । नवभारत और जयविजय के पाठकों को इतनी विशेषताओं वाले लेखक के बारे में यदि शीर्षक ना भी पढ़ते तो भी अंदाजा तो हो ही जाता की ऐसा कौन हो सकता है ऐसी ही लेखनी की मालिक हैं सुप्रसिद्ध लेखिका  लीला तिवानी बहन ।

लीला बहन के हम सब आभारी हैं , आज इनको  बधाई देने की हम सबकी बारी है । जी हाँ !  आज हम  सबकी स्नेहमयी लीला बहन जी के १००० ब्लॉग पूरे हो चुके हैं ।

कामयाबी मिलती है उन्हें

जो अपनी लगन के दीवाने होते हैं  ।

पीने वाले के लिए हर और मयखाने होते हैं  ।

कहने को बढ़ता है हर कोई मंजिल की और,

लेकिन पाते हैं मंजिल वही

जो शमा के परवाने होते हैं  ।

आपकी कामयाबी का हम भी जश्न मनायेंगें,

आपके सपनो को हम भी गले से लगायेंगें  ।

आप चाहे कुछ भी कहें

हम तो आज रात भर झूमेंगें गायेंगें ।

लीला बहन जी ने जो अब तक लेखों के माध्यम से दिया है वो एक क्रांति है । बहन जी हर ब्लॉग से एक दिशा देते हुए चलती हैं  जो पाठकों के दिल में उतर जाती है उनके भीतर सोयी हुई संभावनाओं को जगाने के लिए । हमें लीला बहन की लेखनी एक वरदान की तरह मिली है  जिससे जागरूकता का बीज इस तरह पनप सकता है की हमारे भीतर हजारों फूल खिल जाएँ.

इनके लेख केवल लेख नहीं जागरूकता लाने वाले सन्देश देने वाले लुभाने वाले मनोरंजक ज्ञानवर्धक प्रेरणा देने वाले  होते हैं ।  कोई भी विशेष दिन हो पत्र पत्रिकाओं को भले ही खबर ना हो पर लीला बहन का ब्लॉग पढ़कर दिन विशेष का और उससे जुडी जानकारियां तुरंत पाठकों तक पहुँच जाती हैं । इनका व्यक्तित्व सकारात्मकता को बढ़ावा देने वाला बच्चों को उच्च आदर्श सिखाने वाला कविता अथवा लघु कथा के माध्यम से हृदय को छू लेने वाला होता है । इनके अनोखे संसार की अनोखी सैर और सदाबहार कैलेण्डर नभाटा के पाठकों के प्रिय ब्लॉग हैं जिनका सभी को बेसब्री से इन्तजार रहता है ।

इनके जीवन की सिर्फ यही उपलब्धि नहीं है इनकी उपलब्धियां तो हजारों हैं ।  दूसरों को आगे बढ़ता देखकर कितने हैं जो खुश होते हैं ?  इन बहन जी की ख़ुशी इसी में है जब इनके प्रोत्साहन से कोई छुट पुट लिखने वाला ब्लॉगर बन जाता है ।  लिखने वाले कई हैं धूम मचाने वाले कितने हैं? प्रभु का नाम लेकर गाने वाले हजारों हैं उसे पाने वाले कितने हैं ? खुद पा लेना काफी नहीं है उसे पाकर दूसरों को पहुंचाने वाले कितने हैं ?  अपनी वाह वाही पर सभी झूम लेते हैं दूसरों की वाह वाही पर झूमने वाले कितने हैं ?  ऊंचाईयां सब चढ़ लेते हैं बुलंदियों को छू लेने वाले कितने हैं ? आज के कितने ही ब्लॉगर जो किसी समय सिर्फ प्रतिक्रियाएं लिखने तक सीमित थे  (जिनमें से मैं भी एक हूँ )  बहन जी के प्रोत्साहन,  मार्गदर्शन से आज नायाब लेख लिखकर धूम मचा रहे हैं  ।

बहन जी के ब्लॉगों की विशेषता : नयी नयी जानकारियां,  ब्लॉगों के नायक नायिकाओं को प्रोत्साहन और पाठकों को प्रेरणा । रोचक मनोरंजक ताजा तरीन खबरेँ  जागरूकता लाने वाले अनमोल सन्देश, मानवीय कमजोरियों को उजागर करती प्रेरणा प्रदान करती  मार्मिक, हृदय को छू लेने वाली लघु- कथाएं कवितायें । यह अपने ब्लॉग में नित नए प्रयोग कर रही हैं जो की एक सफल कोशिश साबित हुई है  इनके  प्रयोग से नित नयी प्रतिभाओं को सामने आने का अवसर मिल रहा है । । इनका एक अन्य सबसे बड़ा गुण है पाठकों की प्रतिक्रिया का तुरंत आभार प्रगट करना जिस कारण से पाठक प्रतिक्रिया लिखने उन्हें पढ़ने में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं ।  इनके पाठकों की प्रतिक्रियाएं इतनी शानदार होती जा रही हैं की पाठक इनसे भी भरपूर मनोरंजन करते हैं

किसी ब्लॉगर के जन्मदिन पर ब्लॉग लिखकर अनमोल तोहफा देने की परंपरा भी बहन जी ने प्रारम्भ की जो एक नयी परंपरा है और जिससे ब्लॉगर का जन्मदिन तो यादगार बनता ही है पाठकों को भी ब्लॉगर के बारे बहुत सी जानकारियां मिलती हैं ।

नवभारत के एक जागरूक ब्लॉगर   हरीश चंद्र शर्मा जी ने इनके बारे सटीक टिपण्णी की है  आदरणीय लीला जी जहां पर आप स्थापित हो चुकी हैं वहा पर पहुचने में साधारण व्यक्ति को भी पहुचने में कई जनम लेने पडेंगे ।

एक बार एक ब्लॉगर ने लीला बहन से पुछा कि आप इतने ब्लॉग इतनी जल्दी जल्दी कैसे लिख लेती है तो बहन जी ने बताया कि आजकल मैंने BMW  रख ली है जिससे काफी वक़्त मिल जाता है । ब्लॉगर को आश्चर्य हुआ BMW  से वक़्त मिलने का क्या सम्बन्ध,  बहनजी ने बताया कि बर्तन मांजने वाली रखी है ।  लीला बहन जी आपको बुलंदियां छू लेने के अवसर पर हार्दिक बधाई ।

रविन्दर सूदन

शिक्षा : जबलपुर विश्वविद्यालय से एम् एस-सी । रक्षा मंत्रालय संस्थान जबलपुर में २८ वर्षों तक विभिन्न पदों पर कार्य किया । वर्तमान में रिटायर्ड जीवन जी रहा हूँ ।