राखी का त्योहार
एक अनूठी परम्परा, सभ्यता से भरा
संस्कृति का श्रृंगार है, राखी का त्योहार है।
मात-पिता का नेह, भाई-बहन का स्नेह
खुशियों का भण्डार है, राखी का त्योहार है।
गिरि सा अटल, निर्झर सा चल
नदी की बहती धार है, राखी का त्योहार है।
कीचड़ से यारी, वर्षा सी प्यारी
सावन की फुहार है, राखी का त्योहार है।
सीख देता अशेष, घर समाज देश
प्रेमचन्द का कथासार है, राखी का त्योहार है।
— टीकेश्वर सिन्हा “गब्दीवाला”