आ फिर से मिल
फिर से किसी रेल के डिब्बे में आ
बैठ मेरी बगल या सामने वाली सीट पर
एक अजनबी की तरह
यह सफर कुछ बोझिल सा हो गया हैं
कुछ दीवारे खड़ी हो गयी है तेरे ओर मेरे दरम्यान
तू फिर से मिल एक अजनबी की तरह
बारिश में भीगते हुए किसी बस स्टॉप पर
मुझसे नजरें मिला
पूछ मेरे बारे में मेरा नाम पता
मेरी ख्वाहिशे मेरी पसंद
मैं भी तुझे देखु
पहली दफ़ा की तरह बतलाने की कोशिश करू
फिर वही रेड रोज़ लेकर किसी राह पर तेरा इंतजार करूँ
तुमसे दोस्ती का हाथ बढाऊँ
तू फिर से मुझे मिल किसी अजनबी की तरह
किसी रेल के डिब्बे में
किसी बस स्टॉप पर भीगते हुए
ताकि फिर से में वक्त निकाल सकूँ
एक नई दोस्ती के लिए
इस भागदौड़ की जिंदगी में
— नयन डी बादल