गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

जिंदगी देने से अच्छा मौत की सज़ा सुना देता
उजाले के बदले हम सबको अंधेरा घना देता

देखते हैं लोग इंसानों को मजहब की नजरों से
इस से अच्छा था खुदा तू हमें अंधा बना देता

कुरान भगवत गीता सुनाने से ज्यादा बहतर था
इंसानीयत की किताब का कोई दोहा सुना देता

कब़ा मुकम्मल करती है इंसानों की हैसीयत
सबकी एक हैसीयत लगे ऐसा कब़ा बना देता

बहरी ना बनी होती अगर ये दुनियाँ ‘आकाश’ तो
मैं उनको अपनी लिखी हुई कोई गज़ल सुना देता

आकाश राठोड

आकाश राठोड़

SSC लेखक गीतकार गज़ल कविता आकाश राठोड G/o राम मंदीर के पास मुर्ती सोयगांव जिला औरंगाबाद