बाल कविता

ये देखो मेट्रो का खेल

नीचे   मोटर   ऊपर   रेल,

ये  देखो   मेट्रो  का   खेल।

कभी चले धरती के अन्दर,

और कभी धरती  से ऊपर।

कभी कहीं धरती पर चलकर,

पहुँचाती  सबको मँजिल पर।

ऑटो-मेटिक  सब सिस्टम हैं,

और  सुरक्षित  इसमें  हम हैं।

सर्दी   गर्मी   और  धूप  से,

झम-झम वर्षा लू प्रकोप से।

हमको  सदा  बचाती रहती,

मँजिल तक पहुँचाया करती।

दरवाजे  खुद खुल  जाते हैं,

यात्री  बाहर  आ  जाते  हैं।

बन्द द्वार  हों तब चलती है,

एसी की सुविधा मिलती है।

नीचे  से  ऊपर  तक  जाओ,

ऊपर  से  नीचे  आ  जाओ।

और  लिफ्ट  फर्राटे  भरती,

वृद्धजनों  की  सेवा करती।

धुँआ  नहीं  है,  शोर  नहीं  है,

और  स्वच्छता  कहाँ नहीं  है।

सोलर-सिस्टम  से अब चलती,

विजली बचती कमी न खलती।

जीवन-डोरी   बड़े   नगर  की,

हर मुश्किल हल करे डगर की।

सस्ता  भाड़ा  सुविधा ज्यादा,

ये   भैया   मेट्रो   का   वादा।

…आनन्द विश्वास

आनन्द विश्वास

जन्म की तारीख- 01/07/1949 जन्म एवं शिक्षा- शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) अध्यापन- अहमदाबाद (गुजरात) और अब- स्वतंत्र लेखन (नई दिल्ली) भाषाज्ञान- हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती। प्रकाशित कृतियाँ- 1. *देवम* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 2. *मिटने वाली रात नहीं* (कविता संकलन) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 3. *पर-कटी पाखी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2014) डायमंड बुक्स दिल्ली। 4. *बहादुर बेटी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2015) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-उपन्यास पठनीय। 5. *मेरे पापा सबसे अच्छे* (बाल-कविताएँ) (वर्ष-2016) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-कविताएँ पठनीय। प्रबंधन- फेसबुक पर बाल साहित्य के बृहत् समूह *बाल-जगत* एवं *बाल-साहित्य* समूह का संचालन। ब्लागस्- 1. anandvishvas.blogspot.com 2. anandvishwas.blogspot.com संपर्क का पता : सी/85 ईस्ट एण्ड एपार्टमेन्ट्स, न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास, मयूर विहार फेज़-1 नई दिल्ली-110096 मोबाइल नम्बर- 9898529244, 7042859040 ई-मेलः anandvishvas@gmail.com