बाल कविता

जंगल में सर्दी-बाल कविता

थर थर कांपे हाथी दादा,

कांपे खूब बंदर।

ठंडी ठंडी हवा चली है,

शीत वन के अंदर।

 

शेर राजा दुबके मांद में,

ठंड से परेशान।

भालू, लोमड़ी, हिरण सबकी,

आफत में है जान।

 

बोले ना कोयल कूं कूं कूं,

कौवा करे न कांय।

सर्द हवाएं आती-जाती,

सभी कंपकपाए।

 

सांप, गीदड़, खरगोश, गैंडा,

भागते इधर-उधर।

क्या करें, नहीं करें, सोचे,

जंगल के जानवर।

मेराज रज़ा

जन्म तिथि-06.03.1988 शिक्षा-डी.एल.एड, स्नातक (राजनीति शास्त्र) संप्रति-अध्यापन के क्षेत्र में कार्यरत (प्राथमिक विद्यालय में) लेखन-साहित्य जगत में नव प्रवेश। मुख्य रूप से बाल कविता लेखन प्रकाशन - पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित पता- ग्राम+पोस्ट-बाजिदपुर, थाना-विद्यापतिनगर, जिला- समस्तीपुर, राज्य-बिहार, पिन कोड - 84 85 0 3 संपर्क सूत्र- ईमेल- [email protected] मोबाइल नंबर- 9113731588, 9546421203