सीख लो
चाँदनी रातों पे तो
धड़कन भी है गिरवी
तपती दुपहरी में
बलिदान देना सीख लो
सावन का स्वागत
सदा करते आए हो
अब पतझड़ को भी
सम्मान देना सीख लो
सोती नदियों में सब
नाव चला लेते हैं
भड़कते समंदर में
नाव खेना सीख लो
– नवीन कुमार जैन
चाँदनी रातों पे तो
धड़कन भी है गिरवी
तपती दुपहरी में
बलिदान देना सीख लो
सावन का स्वागत
सदा करते आए हो
अब पतझड़ को भी
सम्मान देना सीख लो
सोती नदियों में सब
नाव चला लेते हैं
भड़कते समंदर में
नाव खेना सीख लो
– नवीन कुमार जैन