” स्वप्न भी फलने लगे हैं ” !!
हाथ जब आये सितारे ,
बह रही हूँ !
चाँद भी अब हाथ आये ,
कह रही हूँ !
बेखबर हो आज सबसे ,
भाव भी जगने लगे हैं !!
नई सी कोई कहानी ,
आज रच दूं !
हंस रही है आज दुनिया ,
मैं भी हंस दूं !
भूलकर अपना पराया ,
हम तो अब रमने लगे हैं !!
कभी थी खुशियां परायी ,
हुई अपनी !
झूंठ ना सच सी लगे ,
मेरी कथनी !
रब भी लगता है मेहरबां ,
लगा , पल थमने लगे हैं !!