गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल – बच्चे विद्यालय तक पहुँचे

चेतन के आश्रय तक पहुँचे
परमानन्द निलय तक पहुँचे

रिश्ते नाते मोल लगाते
सारे ही विक्रय तक पहुँचे

वाद अभी लम्बित हैं कितने
कोई तो निर्णय तक पहुँचे

सोच समझ कर हाथ गहा जो
आखिर को परिणय तक पहुँचे

शिक्षा की ऐसी ज्योति जली
बच्चे विद्यालय तक पहुँचे

बीवी  बच्चे   रोते  उनके
जो भी मदिरालय तक पहुँचे

मन वीणा  झंकृत  हो जाये
कोई साज  हृदय तक पहुँचे

—  नीलम सिंह

नीलम सिंह

पिता का नाम- श्री काशी नाथ सिंह माता का नाम- श्रीमती कालिन्दी सिंह पति का नाम- श्री संजय सिंह तोमर जन्मतिथि - 8 फरवरी शिक्षा - एम.ए. , बी. एड., पत्रकारिता (पत्राचार द्वारा) लेखन विधा - कविता ,कहानी ,लघुकथा, शेर ग़ज़ल , दोहा , गीत , छन्दलेखन में प्रयासरत विभिन्न प्रान्तों के पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित ,साहित्य संगम संस्थान द्वारा साझा उपन्यास बरनाली प्रकाशित , कई साझा संकलन प्रकाशित , वेब पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित लघुकथा संग्रह -खाली हाथ (2017) पुरस्कार - महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान (2017 ) के. बी.साहित्य सम्मान (2017) साहित्य संगम संस्थान द्वारा श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान शुभतारिका द्वारा श्रेष्ठ लघुकथा पुरस्कार (2014 ) खूम सिंह स्मृति पुरस्कार(2017) सम्पर्क - तीन खम्बा गली , 139, खलीलशर्की , शाहजहाँपुर (यू.पी.) 8416977922 Email- [email protected] राष्ट्रीय छात्रवृत्ति प्राप्त की