कविता – युवा समाज बदलते जा रहे हैं
दिन हो, रात हो अब युवा हिन्द के करते आराम नहीं
समाज बदल रहा है युवा, व्याकुलता का अब काम नहीं
भारत माता की वेदी पर निज प्राणों का उपहार लाये हैं
शक्ति भुजा में, ज्ञान गौरव जगाने भारत के युवा आये हैं
नित नये प्रयासों से समाज को आगे ले जा रहे हैं
देखो युवा क्या क्या नये उद्यम ला रहे हैं।
बिन्नी के साथ ‘फ्लिपकार्ट’ आया
देश में नया रोजगार लाया
कुणाल और रोहित की ‘स्नैपडील’
कंज्यूमर को हो रहा गुड फील
देश की बेटियाँ कहाँ पीछे रहीं
राधिका की ‘शॉप-क्लूज़’ आ गयी।
हुनर नहीं बर्बाद होता अब तहखानों में
जीवन रागनियाँ मचल रहीं नव-गानों में
समझ चुके हैं बिना प्रयास पुरुषार्थ क्षय है
आगे बढ़ चले अब, भारत माता की जय है
तप्त मरु को हरित कर देने की आस लगाये हैं
युवा सुख-सुविधाओं की नयी परम्परा लाये हैं।
भाविश का ‘ओला’ समय से घर पहुँचता
शशांक का ‘प्रैक्टो’ डॉक्टर से मिलवाता
दीपिंदर का ‘जोमाटो’ खाना खिलवाता
समर का ‘जुगनू’ ऑटो-रिक्शा दिलवाता
विजय का ‘पेटीऍम’ ट्रांजेक्शन की जान
सौरभ, अलबिंदर का ‘ग्रोफर्स’ खरीदारों की शान।
शिरीष आपटे की जल प्रणाली देश के काम आ रही
बीएस मुकुंद की ‘रीन्यूइट’ सस्ते कंप्यूटर बना रही
बिनालक्ष्मी नेप्रम ‘वुमेन गन सर्वाइवर नेटवर्क’ चला रहीं
सची सिंह रेलवे स्टेशन पर लावारिसों को राह दिखा रहीं
प्रीति गाँधी की मोबाइल लाइब्रेरी सबको ज्ञान बाँट रही
डॉ. बोडवाला की ‘वन-चाइल्ड-वन-लाइट’ जीवन में जान डाल रही।
जादव पायेंग “फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया” जूझा अकेला
आज १३६० एकड़ में ‘मोलाई’ का जंगल फैला
तरक्की की कलम से भाग्य लिखते जा रहे हैं
नव पथ पर निशाँ बनते जा रहे हैं
नित नये नाम जुड़ते जा रहे हैं
युवा समाज बदलते जा रहे हैं।
डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’
२३/०८/२०१८