परिवार के लोग आप के घर आने की राह देख रहे है
कम उम्र में बच्चों को दो पहिया (मोटर साइकिल ),चार पहिया आदि चलाने देना यूँ तो यातायात नियम के विरुद्द कार्य है । वही जान -मॉल की हानि की सम्भावना बनी रहती है । बच्चोँ को गाड़ी चलाने देना आजकल फैशन सा बन गया | यदि बच्चा गाड़ी चलाता है तो माता- पिता अपनी शान
समझते है | जब दुर्घटना होती /चालान बनता तब लोग बाग ही ताना देने लग जाते की बच्चो को ज्यादा ही सर चढ़ा रखा था ।साथ ही दुर्घटना होने पर भविष्य के निर्धारित किये लक्ष्य भी पिछड़ से जाते है ।गाड़ी चलाने की अनुमति वयस्क होने के बाद ही देना चाहिए |वाहनो की गति सीमा जो शहरों /गावो में निर्धारित है उसकी सूचना के बोर्ड लगाये जाना चाहिए गति सीमा का पालन नहीं होने से सड़क दुर्घटनाओ में बढ़ोतरी होती है ।गति सीमा से अधिक चलते वाहनो पर अंकुश आवश्यक है | साथ ही यातायात के नियमो का पालन हेतू कम से कम तहसील स्तर पर चौराहों पर जहाँ ज्यादा वाहनों का आवागमन हो वहाँ पर सिंग्नल लगाये जाना चाहिए |ज्यादातर दुर्घटना अँधेरे में खड़े पशुओं,वाहनों के न दिखाई देने के कारण होती है |कई स्थानों पर चिन्हों के संकेतक जो की रेडियम से बने होते है जिस पर रौशनी गिरने से वो अँधेरे में दिखाई देते है | सड़कों के किनारे लगे होते है| किंतु सड़कों पर खड़े,बैठे पशु या वाहन दिखाई ना देने से दुर्घटना घटित होती है |कई क्षेत्रों में बैलगाड़ी के धुरों(जहाँ बैलो को बैलगाड़ी में बाँधा जाता ) पर मध्य में एवं बैलगाड़ी के पीछे की और रेडियम लगाए जाते है | सायकल के अलावा अन्य वाहनों में रेडियम के इंडीकेटर लगे ही होते है | जिस पर नहीं हो लगाना चाहिए साथ ही पशुओं के गले,में रेडियम बेल्ट,बाँधा जाना चाहिए साथ ही सींग पर रेडियम पेंट लगाने से अँधेरे में उनकी जान के साथ खुद की जान बचाई जा सकती है | जहाँ टावर लगे उसके ऊपर रेड लाइट का बल्ब लगा होना चाहिए साथ ही रेडियम ऊपर के सिरे पर लगा होना चाहिए | इससे अँधेरे में हवाई दुर्घटनाओं को होने से रोका जा सकता ताकि यातायात जाम होने की परेशानी न उठाना पड़े । सड़क पर चलते हुए या गाड़ी चलाते हुए मोबाइल पर बात कर रहे लोगो की आए दिन दुर्घटना की खबर पढ़ने को आती है ।अधिकांश लोग वाहन चलाते समय चालक अपने मोबाइल को कान और कंधे के बीच दबाकर बातचीत करते हुए वाहन चलाते है उनका ध्यान बातचीत पर ही ज्यादा रहता ही । पीछे हार्न देने वाले की भी वो सुनते नहीं ऐसे में दुर्घटना संभव है । जरुरी बात भी करना होतो थोड़ा सा ठहर के बात करना चाहिए । कई लोग मोबाइल पर बातचीत जोर-जोर से करते है। इससे पास बैठे लोगो को बातचीत करने में व्यवधान होता है और सुनाई ना देने की परेशानी उठानी पड़ती है । मोबाइल एवं स्वयं की सुरक्षा के साथ दूसरों का भी ख्याल रखे ।मोबाइल एवं स्वयं की सुरक्षा के साथ दूसरों का भी ख्याल रखे । परिवार के लोग आप के घर आने की राह देख रहे है । सुरक्षित चले । साथ ही तेज गति , करतबों और ,निर्धारित सीट से ज्यादा न बिठाने संबधी हिदायत देना भी बच्चो के हीत में उचित कदम होगा । सुरक्षित चले ।साथ ही तेज गति , करतबों और ,निर्धारित सीट से ज्यादा न बिठाने, हेलमेट पहन कर ही दो पहिया वाहन ,सीट बेल्ट बांधकर चार पहिया वाहन चलाने संबधी हिदायत देना भी वयस्क बच्चो एवं बड़ों के हित में उचित कदम होगा ।
— संजय वर्मा “दृष्टि”
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