सामाजिक

हमको मन की शक्ति देना…

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाजशास्त्र की इस मान्य अवधारणा के अनेकोनेक विश्लेषण किए गए। सबसे पहले हमको समाज में कैसे रहना चाहिए ये सब तय किया गया। हम प्राणियों ने कुछ नियम कायदे कानून अपनी सुविधानुसार बनाए । समय बदला और समय के अनुसार अपनी सुविधानुसार फ़िर बदलाव आते रहे रहन सहन, पहनावे और विचारों में। हम सामाजिक प्राणी आधुनिक समाज की बातें करने लगे। लेकिन आधुनिकता रहन सहन में तो आती गई पर मानसिक रूप से हम आज भी पिछड़े ही बने हुए हैं। इसी विरोधाभास के चलते समाज में विसंगतियां पैदा हुई और समाजसुधार का दौर चला।
विरोधों के विपक्ष में महान समाज सुधारक खड़े हुए। उनकी शिक्षाओं और स्थापित उदाहरणों को उनकी जयंतियों पर आज के प्रबुद्घ वर्ग और समाज सुधार कार्यकर्ताओं द्वारा जोर शोर से गुणगान करते सुना जाता है। लेकिन जब बात आती है इनको लागू करने और कसौटी पर उतारने की तो लोग इन शिक्षाओं से कहीं दूर नजर आते हैं । अपने घर तो छोड़िए आस पड़ोस में भी हो रहे सामाजिक चेतना और क्रांति के विचार इनको पसंद नहीं आते। सामाजिक मंच पर बड़ी बड़ी बातें और सुधार के पक्षधर ये लोग इन्हीं बातों को जीवन में उतारने की बात पर खोखले नजर आते हैं जबकि इनके व्यक्तिगत जीवन में भी कई बार ऐसी घटनाएं घटित हो चुकी होती हैं और अपने लिए कभी ये सब कर चुके होते हैं।
आपकी अपनी भी कोई सोच समझ और विवेक होना चाहिए ना कि किसी के कुछ भी कहने का असर आप पर दिखने लगे। कुछ भी कहने से अच्छा होता है वही कहें जिसको आप अपने व्यवहार में उतार सकें । हर किसी की हां में हां ना मिलाएं अन्यथा सामाजिक रूप से छद्म व्यक्ति कहलाए जाएंगे भले ही आपके आस पास के लोग आपको किसी भी महान भ्रम में क्यूं ना रखें।
असल में अधिकतर लोग #मैं में जीते हैं #आत्म के बारे में कम सोचते हैं और #हम की भावना से कोसों दूर रहते हैं।
खुद से ईमानदार बने रहिए , झूठ से बचिए और अपनी सामाजिक भूमिका से नई पीढ़ी के लिए सुन्दर उदाहरण प्रस्तुत करिए नहीं तो आपकी अंतरात्मा आपको वाकई बार बार नींद से जगाती रहेगी और आप कभी चैन की नींद नहीं सो पाएंगे।

शिप्रा खरे

नाम:- शिप्रा खरे शुक्ला पिता :- स्वर्गीय कपिल देव खरे माता :- श्रीमती लक्ष्मी खरे शिक्षा :- एम.एस.सी,एम.ए, बी.एड, एम.बी.ए लेखन विधाएं:- कहानी /कविता/ गजल/ आलेख/ बाल साहित्य साहित्यिक उपलब्धियाँ :- साहित्यिक समीर दस्तक सहित अन्य पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित, 10 साझा काव्य संग्रह(hindi aur english dono mein ) #छोटा सा भावुक मेरा मन कुछ ना कुछ उकेरा ही करता है पन्नों पर आप मुझे मेरे ब्लाग पर भी पढ़ सकते हैं shipradkhare.blogspot.com ई-मेल - [email protected]