सायकिल पर्यावरण एवं स्वास्थ्य की हितेषी
सायकिल पर्यावरण के हीत में उपयोगी साबित होती आई है|किन्तु चलन कम होता दिखाई देने लगा है |1990के दशक तक लगभग हर घर में सायकिल उपलब्ध रहती थी | विशेषकर दूधवाले ,पोस्टमैन आदि द्धारा आने जाने हेतु ज्यादातर सायकिल का उपयोग किया जाता था | बच्चे सायकिल चलाना सीखने में उत्सुकता दिखाते थे | एक जानकारी के मुताबिक सन 1763 में फ़्रांस के पियरे लेलमेंट ने इसकी जाना था | बाद में सायकिल में तरह- तरह के आवश्यकतानुसार बदलाव किए जाते रहे और वर्तमान में भी जारी है |विदेशों में लोग सायकिल का ज्यादा उपयोग करते है |एक्सरसाइज के लिए भी घरों में सायकिल का उपयोग किया जाता है |अन्य वाहनों का उपयोग भी अपनी जगह ठीक है|किंतु सायकल चलाने से एक्सरसाइज होती है |जिससे कई बीमारिया कोसो दूर हो जाती है |कुछ दशकों पूर्व सायकिल का दौर काफी था |सायकिल चलाने के दृश्य भी फिल्मों में होते ही थे |वर्तमान में भी फिल्म की कहानी की मांग के अनुसार सायकिल के दृश्य को फिल्माया जाता है |आज भी कई लोग सायकिल के शौकीन सायकिल से ही रास्ता तय करते है और वे पूर्णतः तंदुरुस्त है |कई तो भारत भ्रमण भी कर चुके है |विदेशी लोग पर्यटन स्थलों को देखने हेतु स्थानीय आवागमन की लिए सायकिल को प्राथमिकता देते है |स्थानीय आवागमन हेतु साधारणतया साइकिल का उपयोग सस्ता एवं स्वास्थ्य के हीत में एक अच्छा विकल्प है |
— संजय वर्मा ‘दृष्टी ‘
125 शहीद भगतसिंग मार्ग ,मनावर (धार