लघुकथा

अधिकार

अधिकार

नक्सली हमलें में एक नेता के साथ उसके चार सुरक्षा कर्मियों के मारे जाने के बाद नजदीक के गांव में ख़ौफ़ , दहशत का वातावरण हो गया है ।
आज चुनाव है राज्य में तो उस गांव के घर का कोई भी व्यक्ति वोट डालने नही जा रहा है नक्सलियों के ख़ौफ़ के कारण ।
” तू कहाँ जा रही बींदणी …?
” मैं अपना वोट देने जा रही हूँ आज चुनाव है ।
वोट डालना मेरा अधिकार है ।
चुनाव सिर्फ चुनाव नही लोकतंत्र का त्योहार है।

पूरे चुनाव स्थान पर वो एक अकेली घूंघट में गर्व से वोट दे रही है ।

बाहर से एक स्वर से आवाज़ आई ” “” ये लोकतंत्र का त्योहार है हम सभी इसको मनाएंगे , किसी से नही डरेंगे “”।

सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।