कविता

अंग्रेजी का करें बखान

अंग्रेजी का करें बखान पर हिंदी शब्द प्रधान

आधुनिकता के दौर में अंग्रेजी बोलना शान।
हिंदी का कोई ज्ञान नहीं, हिंदी से अनजान।

हिंदी किताबों तक सीमित कुछ करो प्रबंध,
अंग्रेजी का चलन है भैया हिंदी पिंजरे में बंद।

अंग्रेजी में बोलना अब सबके मन को भाए,
माता-पिता बच्चों को अंग्रेजी ही सिखाए।

हिंदी महिमा लुप्त, अंग्रेजी का करें बखान,
पर राष्ट्रभाषा हिंदी मेरे भारत की पहचान।

साहित्य, कलमकार करें हिंदी का सम्मान,
हिंदी उनकी आन बान, हिंदी पर अभिमान।

देश की भाषा हिंदी, हिंदी का करें गुणगान।
हिंदी को सम्मान मिले, हिंदी शब्द प्रधान।

सुमन अग्रवाल “सागरिका”
आगरा ( यू.पी )

सुमन अग्रवाल "सागरिका"

पिता का नाम :- श्री रामजी लाल सिंघल माता का नाम :- श्रीमती उर्मिला देवी शिक्षा :-बी. ए. ग्रेजुएशन व्यवसाय :- हाउस वाइफ प्रकाशित रचनाएँ :- अनेक पत्र- पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशित। सम्मान :- गीतकार साहित्यिक मंच द्वारा श्रेष्ठ ग़ज़लकार उपाधि से सम्मानित, प्रभा मेरी कलम द्वारा लेखन प्रतियोगिता में उपविजेता, ताज लिटरेचर द्वारा लेखन प्रतियोगिता में तृतीय स्थान, साहित्य सुषमा काव्य स्पंदन द्वारा लेखन प्रतियोगिता में तृतीय स्थान, काव्य सागर द्वारा लेखन प्रतियोगिता में श्रेष्ठ कहानीकार, साहित्य संगम संस्थान द्वारा श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, सहित्यपिडिया द्वारा लेखन प्रतियोगिता में प्रशस्ति पत्र से सम्मानित। आगरा