भाषा-साहित्य

वर्त्तमान परिपेक्ष्य में साहित्यकारों का दायित्व

आज हमारे समाज की स्थिति प्राचीन समाज की स्थिति से बहुत ही भिन्न हो चुकी है क्योंकि हम सब प्राचीन परंपराओं तथा प्राचीन सामाजिक नियमों को भूलते चले जा रहें हैं जिसके परिणामस्वरूप हमारा समाज भी परिवर्तित होता जा रहा है अगर किसी भी समाज में परिवर्तन की दर इसी तरह बढती गयी तब हमारा समाज हमारी परंपरायें हमारे मूल्य हमारे प्रतिमान सब के सब नष्ट हो जायेंगे और प्रकृति की बनायी हुयी ये दुनिया भी स्वतः नष्ट हो जायेगी तब फिर से नयी सृष्टि का जन्म होगा और फिर से नयी दुनिया नये तौर तरीके से चलने लगेगी और फिर से वही समाजिक सिद्धांत समाज की व्यवस्था करने में जुट जायेंगे , अगर इसी स्थिति को हम पहले से ही संतुलित कर ले तब ये दुनिया क्यों नष्ट होगी , इसी दुनियाँ को ही बचाने के लिये ही तो आज साहित्य कारो की जरूरत पडी है जो अपनी बंदूक जैसी कलम तथा इंक जैसी गोली से समाज की सभी बुराईयों को खत्म करके दुनिया को सुरक्षित बनाये रखते हैं ।
वर्तमान समय में साहित्यकारों का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक आने वाली पीढी को सुदृढ़ और सुरक्षित करना है क्योंकि यही नयी पीढी तो हमारे समाज हमारे परिवार तथा हमारे देश के आधार को मजबूत करेगी इसीतरह से अगर आज के साहित्य कार भूतकाल की घटनाओं से सबक लेकर वर्तमान को मजबूत तथा सुरक्षित करने का प्रयास करेगे तो जरूर कोई देश क्या पूरी दुनिया पर प्रकृति के अनुकूल प्रभाव पडेगा । आज का दौर तीसरी दुनिया का दौर चल रहा है इस तीसरी दुनिया के युवा प्राचीन परंपराओं को भूलते जा रहे हैं और प्राद्योगिकी को अपनाते जा रहें हैं जिसके परिणामस्वरूप हमारे समाज का पर्यावरण तथा पूरी दुनिया का समाजिक सास्कृतिक तथा आर्थिक पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है जो एक दिन हमारी हरी भरी दुनिया को बिल्कुल खतम कर देगा
फिर भी सभी साहित्य कारों ने भी ठान लिया है कि हम जल्दी से अपनी हरी भरी दुनिया को बंजर नही होने देगे और इसलिये साहित्यकार अपनी रचनाओं, लेखों, निबंधों इत्यादि अनेक विधाओं के द्वारा लोगों को जगाने का प्रयास करते है ताकि हमारे समाज को भ्रष्ट होने से पहले बचाया जा सके इसलिये आज के साहित्य कारों की समस्त रचनाओं लेखो का मुख्य उद्देश्य लोगों की सोयी हुयी चेतना को जगाना है तथा दुनिया को भी बचाना है ।
कोई भी साहित्यकार जब किसी भी विषय पर कोई रचना या लेख लिखता है उससे पहले वह उस विषय पर रिसर्च करता है फिर उस रिसर्च के डेटाबेस को किसी रचना या लेखो का रूप देता है इसका मतलब एक साहित्यकार भी एक सामाजिक वैज्ञानिक की भांति कार्य करता है तभी तो आज हमारी दुनिया उन्नति के शिखर पर चढती जा रही है ।
वर्तमान मे एक साहित्यकार का दिमाग भूतकाल से लेकर भविष्य काल तक घूमता है वह एक ऐसा मानवीय विचार विकसित करना चाहता है जिसके प्रभाव से सारा समाज जाग उठे क्योंकि वर्तमान का साहित्य कार पहली दूसरी तथा तीसरी दुनिया की स्थिति को समझने की छमता रखता है और इसीलिये तो आज की साहित्यिक रचनायें लोगों को प्रकृति के अनुसार हमेशा सक्रिय रहने का संदेश देती हैं यही कारण है कि हम सब अपनी अपनी छमताओ को समझने के लिये साहित्य पर ही निर्भर हैं ।
आज के साहित्यकार आधुनिकीकरण के प्रभाव से बहुत अधिक तकलीफ में है क्योंकि आधुनिकीकरण ने हमारी सभ्यता के संस्कारों को छीन लिया है जो कि सामाजिक प्रकृति के बिल्कुल खिलाफ है साहित्यकारों का मानना है कि हमारी सभ्यता के जो भी संस्कार और नियम हैं ये ही तो सृष्टि के पालनकर्ता है इसलिये सभी साहित्यकार इस आधुनिकीकरण में भी सभ्यता के खत्म हुये संस्कारों को वापस लाने की भरपूर कोशिश कर रहें हैं इसलिये सभ्यता को बनाये रखने में एक साहित्यकार का बहुत बडा हाथ होता है ।
हमारे देश या दुनिया में अनेकों क्रांतियां हो चुकी हैं और अनेकों क्रांतियां हो भी रहीं है तब इन सभी मे भी हमारे साहित्यकारों की ही सबसे अधिक सहभागिता होती है क्योंकि समय के परिवर्तन के अनुसार लोगों को भी बदलना होता है और इस बदलाव मे एक साहित्यकार ही सबसे बडा गुरू होता है । इसलिये वर्तमान की जीवनशैली मे साहित्यकारों का दायित्व ये है कि वे जन भावना को समय के परिवर्तन के अनुसार बदलने की कोशिश करते हैं जिससे हम सभी समाजिक प्रकृति के अनुसार अपना जीवन को बदल सकें ।
अंत में दुनिया का इतिहास तथा दुनियां का भूगोल तथा दुनिया का भविष्य सिर्फ साहित्यकार ही हैं साहित्यकार किसी भी दुनिया या समाज या देश या परिवार को जैसे चाहें वैसे बना सकता है इसलिये एक साहित्यकार दुनिया बनाने वाला एक ऐसा कलाकार होता है जो किसी भी कृति या किसी भी तस्वीर को ऐसे रंग या ऐसे शब्दों से सजाता है जिसको पढकर सभी प्राणी अपने आप उस माहौल में ढल जाते है और जैसी उनकी कृति थी वैसे ही सारा समाज बन जाता है ।

— ओम नारायण कर्णधार

ओम नारायण कर्णधार

पिता - श्री सौखी लाल पता - ग्राम केवटरा , पोस्ट पतारा जिला - हमीरपुर , उत्तर प्रदेश पिन - 210505 मो. 7490877265 ईमेल - [email protected]