क्षणिका

अर्थ

अर्थ के बिना सब व्यर्थ है
ऐसा हमको
घटित हो रहे
परिदृश्य से लग रहा है
क्योंकि अर्थ की
ही जद्दोजहद में
इंसान दर-ब-दर की
ठोकरें खाकर भी
मीलों सफर कर रहा है
उसी अर्थ के लिए।।

मनोज बाथरे

चीचली (जैन मंदिर के पास) जिला नरसिंहपुर मध्य प्रदेश पिनकोड 487770 विगत 20 वर्षो से साहित्य सेवा, तत्कालीन समय में कुछ रचनाएं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई। वर्तमान समय में पुनः साहित्य के क्षेत्र में कुछ योगदान देने की इच्छा जागृत हुई तो सक्रिय हुआ।