लघुकथा

सेल्फी

वह पुल की दीवार पर कोहनी टिकाए हथेलियों के मध्य अपना चेहरा रख कर नदी को निहार रहा था, किसी यादों में खोया हुआ। एकटक, अपलक दृष्टि नदी के जल पर गड़ी हुई थी। तभी छपाक की ध्वनि के साथ उसकी तंद्रा टूटी। उसकी दृष्टि आवाज की दिशा में मुड़ी। जहाँ एक बालिका अभी-अभी गिरकर डूब रही थी।

बालिका डूबते-उतराते बचाओ! बचाओ!! चीख रही थी। युवक का हाथ पतलून की जेब में सरक गया और मँहगे आई-फोन के साथ बाहर आया। झटपट उसने सेल्फी की मुद्रा बनाकर छवि मोबाइल कैमरे में कैद लिया। अंतिम बार बालिका की अधूरी चीख गूँजी, “ब…चा……!!” और उसका शरीर लहरों में समा गया।

युवक के स्वयं के फोटो के बाजू में पानी से ऊपर दो हथेलियाँ किसी को बुलाती हुई दिखाई पड़ रही थीं। युवक ने एक बार सेल्फी को देखा और फेसबुक में पोस्ट कर दिया। लाईक और टिप्पणियों की बौछार होने लगी –
नाईस पिक!….सुपर्ब!…..ऑसम!…. नाईस सेल्फी! इत्यादि इत्यादि।

अनंत पुरोहित ‘अनंत’

अनंत पुरोहित 'अनंत'

*पिता* ~ श्री बी आर पुरोहित *माता* ~ श्रीमती जाह्नवी पुरोहित *जन्म व जन्मस्थान* ~ 28.07.1981 ग्रा खटखटी, पोस्ट बसना जि. महासमुंद (छ.ग.) - 493554 *शिक्षा* ~ बीई (मैकेनिकल) *संप्रति* ~ जनरल मैनेजर (पाॅवर प्लांट, ड्रोलिया इलेक्ट्रोस्टील्स प्रा लि) *लेखन विधा* ~ कहानी, नवगीत, हाइकु, आलेख, छंद *प्रकाशित पुस्तकें* ~ 'ये कुण्डलियाँ बोलती हैं' (साझा कुण्डलियाँ संग्रह) *प्राप्त सम्मान* ~ नवीन कदम की ओर से श्रेष्ठ लघुकथा का सम्मान *संपर्क सूत्र* ~ 8602374011, 7999190954 [email protected]