कविता

तन्हा सफ़र

हूँ मैं सफ़र में तन्हां,
तेरा साथ ख़यालो में है,
इस तन्हां सफ़र में … ,
बस तेरी ही कमी है।
वर्षों तक जो तेरे साथ,
मैंने जो सफ़र किया..,
आज इस तन्हां सफ़र में,
तेरी याद जो आ रही है।
ये सफ़र तन्हां ज़रूर है,
लेकिन लक्ष्य साथ है मेरे,
आयेगा वो भी एक दिन,
जब सफ़र में तेरे साथ हूँगी।
—सीमा राठी

सीमा राठी

सीमा राठी द्वारा श्री रामचंद्र राठी श्री डूंगरगढ़ (राज.) दिल्ली (निवासी)