हाइकु/सेदोका

हाइकु छंद

 

शुभ प्रभात
खुश रहो हमेशा
दिन औ रात

पहली बार
प्रयास किया मैंने
लिखा हाइकु

पढ़ना सभी
पर ये ना कहना
लिखा कायकु 😀

दिल का रिश्ता
सबसे अनमोल
क्यों बेखबर

तेरे लिए ही
जागूँ मैं सारी रात
तू बेखबर

तेरी बेरुखी
आँखों में बरसात
ठंडी सी रात

लौटोगे कब
आँसू सूखे नहीं हैं
बताओ जरा

तेरी आशिकी
मरने नहीं देती
जीना मुश्किल

तेरी बेरुखी
क्यों मिली मेरे हिस्से
प्यार के किस्से

पागल मन
तड़पता बेचैन
तेरे प्यार में

मैं तेरा चाँद
तू चाँदनी है मेरी
साथ हैं सदा

प्यार की गर्मी
होती असरदार
ठंड बेकार

हमारा देश
फिर बने महान
करो प्रयास

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।