अनमोल पल
वो पल खास मेरे,
जो बिताए संग तेरे ,
उन चंद लम्हों में,
सारी दुनिया मेरी,
ठहर गई थी ,
बनने को साक्षी ,
हमारे प्रेम की ,
मेरी धड़कन भी,
ठहर सी गई थी,
उन चुनिंदा पलो में,
खो गई थी मैं,
तुझमें ही तो ,
होंश मैं आई ,
तब भी खुद को ,
महफूज देखा,
तेरी ही बाँहों में ,
वही पल आज ,
मेरी जिंदगी है ,
वो ख्याल है संग,
उसमें तू ही तो है संग
डॉ सारिका औदिच्य