मुक्तक/दोहा

दोहा

हिम्मत से दरिया तरें, कठिन समय का दौर।
राम विवश वन वन फिरे, मर्यादा शिरमौर।।-1

हाथ जोड़कर दूर से, करते रहें प्रणाम।
लक्ष्मण रेखा में रहे, घर मंदिर चित राम।।-2

समय न रुकता है कभी, अच्छा हो या क्रूर
दिन के ढलते रात है, रात ढले पर नूर।।-3

हिम्मत से ही आदमी, चढ़ता कठिन पहाड़।
दशरथ मांझी नाम सुन, नरम हुए पाषाण।।-4

बिना डाल का वृक्ष है, नाम पड़ा है ताड़
चढ़ जाता है आदमी, करता नहीं दहाड़।।-5

महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ