गीत/नवगीत

प्रेमगीत

प्रेम गली अति सांकरी , मैं कैसे पार करूँ ,
कहाँ छुपे हो प्रियतम मेरे , मैं कैसे प्यार करूँ ,

तड़प प्यार की अंतर्मन में ,
रूह मिलन हो सार्थक तन में ,

मन की व्याकुलता का , मैं कैसे इज़हार करूँ ,
प्रेम गली अति सांकरी , मैं कैसे पार करूँ ,
कहाँ छुपे हो प्रियतम मेरे , मैं कैसे प्यार करूँ ,

तेरे प्यार के गीत सुहाने , धड़कन मेरी गाये ,
कैसे मिलन हो तेरा मेरा , कोई राह दिखाए ,

मन को तन का होश नहीं अब ,
उड़ी उड़ी रहती हूँ ,
कब होगा मेरा मिलन तुम्ही से ,
जुड़ी जुड़ी रहती हूँ ,

बैठी दर पे , मैं उदास सी ,
दस्तक हर बार करूँ ,
द्वार खुले और तू मिल जाये ,
मैं कैसे व्यवहार करूँ ,

प्रेम गली अति सांकरी , मैं कैसे पार करूँ ,
कहाँ छुपे हो प्रियतम मेरे ,मैं कैसे प्यार करूँ ,

जब तू मिल जाये मुझको ,मैं तेरा दीदार करूँ ,
बाँहों में भर लू ‘सरल’ तुझे , जी भर प्यार करूँ ,

प्रेम गली अति सांकरी , मैं कैसे पार करूँ ,
कहाँ छुपे हो प्रियतम मेरे , मैं कैसे प्यार करूँ ,

— राकेश श्रीवास्तव ‘सरल’

राकेश श्रीवास्तव"सरल"

शिक्षा परास्नातक भूतपूर्व वरिष्ठ प्रबंधक, इंडियन बैंक गीतकार ,लेखक, सम सामयिक मुद्दों पर तीक्ष्ण कमेंट कार!