इतिहास

सुनीता नेगी : चित्रों  से चेतना जगाती एक पुलिसकर्मी

 सुनीता नेगी ,उत्तराखंड पुलिस में सेवारत एक महिला आरक्षी !  यह उनके व्यक्तितत्व का एक पूर्ण पक्ष नहीं , उनकी एक अद्भुत विशिष्टता है – उनके द्वारा रेखाचित्रों का बनाया जाना !
   देश में इस समय जहाँ एक ओर अनेक  पुलिसकर्मी कठिन ड्यूटी कर लोगों की सुरक्षार्थ कानून- व्यवस्था बनाए रखने का अप्रतिम कार्य कर रहे हैं , वहीं पुलिस आरक्षी के पद पर कार्यरत सुनीता नेगी उसी कठिन ड्यूटी से मिले समय समय में कोरोना से बचाव -सम्बद्ध रेखाचित्र बनाकर अपने ढंग से इस आपदा से बचाव हेतु योगदान दे रही हैं ! सुनीता नेगी, जो एक प्रोफेशनल आर्टिस्ट नहीं हैं, के रेखाचित्र इतने सजीव होते हैं कि उन्हें देखने पर अनेक बार फ़ोटो होने का  संभ्रम होता है ! रेखाचित्रों  में रंग भरना वस्तुतः एक रिस्की काम है , परन्तु वे  अपने अनेक  रेखाचित्रों में इतनी कोमलता से रंग भरती हैं कि उनका मूल  रेखांकन फ़ीका नहीं पड़ता !
      सुनीता नेगी के प्रायः सभी रेखाचित्रों की विशेषता है – उनकी कल्पना ! इन रेखाचित्रों के संग वे अनेक बार कोई सूक्ति या संदेश भी लिखती हैं, जो इन रेखाचित्रों को पूर्णता प्रदान करते हैं। इन संदेशों में वैयक्तिक लेखन के अतिरिक्त वे किसी फ़िल्मी गीत की कतिपय पंक्तियां भी प्रयुक्त करती हैं, जो उन रेखाचित्रों को अतिरिक्त आकर्षण प्रदान करती हैं !
    ऐसा नहीं कि वे इन दिनों ही मात्र कोरोना – सम्बद्ध रेखाचित्र बना रही हैं ; यह तो  एक जागरूक कलाकार का अपने देशकाल की परिस्थितियों के प्रति सचेत होना व करना है ! सुनीता नेगी के रेखाचित्रों की  कहानी तो उनके बचपन से शुरु होती है, जब वे घर की दीवारों पर कोयले से पर्वतीय परिवेश व प्रकृति को उकेर देती थीं। पुलिस की नौकरी में आने के बाद भी उन्होंने अपनी इस कला को जीवित रखा व अपने प्रदेश के अतिरिक्त राष्ट्रीय व अंतर- राष्ट्रीय महत्त्व के अनेक प्रसंगों व व्यक्तित्वों को उन्होंने बहुत सुंदरता से अपने रेखाचित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया । सुनीता नेगी के समग्र रेखाचित्रों को एफबी पर ‘सुनीता नेगी आर्ट्स ‘ के अंतर्गत देखा जा सकता है।
  पुलिस की नौकरी व रेखाचित्र बनाया जाना, दो पृथक् ध्रुव प्रतीत होते हैं, परन्तु जहाँ प्रतिभा हो या कहें परमेश्वर की कृपा , वहाँ अन्य सामाजिक योगदानों की भांति रेखाचित्रों से जागरूक करने वाली प्रतिभासम्पन्न सुनीता नेगी जैसी कलाकार भी होती ही हैं ! एफबी मैसेंजर से भेजे एक संदेश में उन्होंने कहा -” ड्यूटी करने के बाद जो समय मिलता है, पेंटिंग करती हूँ ,  जिसमें अपनी आर्ट के जरिए मैं लोगों को जागरूक करना चाहती हूँ ,क्योंकि आजकल छोटे बच्चे भी मोबाइल फोन देखते हैं ,तो इसी के माध्यम से बच्चे ,बड़े ,सभी मेरे बनाये जागरूक चित्रों को देख कर जागरूक हों। बस मेरा ये ही प्रयास रहता है !”
  सुनीता नेगी पुलिस में रहते हुए, जिस प्रकार रेखाचित्रों के माध्यम से सु- समाज के निर्माण हेतु  योगदान कर रही हैं , वह यह सिद्ध करता है कि आजीविका के अतिरिक्त भी हम सभी स्वयं में विद्यमान किसी गुण विशेष से समाज को सुंदर बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं !
— डॉ. सम्राट् सुधा

डॉ. सम्राट् सुधा

◆जन्म : 6 जून, 1970 ◆प्रकाशन : वर्ष 1985 से राष्ट्रीय पत्र- पत्रिकाओं में अनवरत प्रकाशित। ◆प्रसारण : आकाशवाणी व बी. बी. सी. लन्दन रेडियो ◆ पुस्तक : उत्तर आधुनिकता - भूमंडलीकरण तथा शशि- काव्य ◆पुरस्कार : संचेतना सम्मान-2002, हिन्दी पत्रकारिता स्नातकोत्तर डिप्लोमा में स्वर्ण- पदक अलंकृत। ◆संपर्क : 94- पूर्वावली, गणेशपुर, रुड़की- 247667,उत्तराखंड ◆व्हाट्सएप : 9412956361 [email protected]