बहूरानी
बहूरानी
होती हैरानी
पति तो खामोश
सास करती मनमानी
कब सोना कब जगना
क्या खाना क्या पीना
सास ही तय करती
कैसे है जीना
क्या आम और क्या खास
सबके घर की यही कहानी
कहीं बहू बेटी बनी
तो कहीं बनी नौकरानी
राजकुमार कांदु
मौलिक/ स्वरचित
बहूरानी
होती हैरानी
पति तो खामोश
सास करती मनमानी
कब सोना कब जगना
क्या खाना क्या पीना
सास ही तय करती
कैसे है जीना
क्या आम और क्या खास
सबके घर की यही कहानी
कहीं बहू बेटी बनी
तो कहीं बनी नौकरानी
राजकुमार कांदु
मौलिक/ स्वरचित