राजनीति

तेजी से बढ़ती जनसंख्या अभिशाप है

आज तेजी से बढ़ती जनसंख्या अनेकानेक समस्याओं को जन्म दे रही है जनसंख्या के कारण जीवन के हर क्षेत्र में समस्याओं का पहाड़ खंडा हो रहा है।
भारत के परिपेक्ष्य में तो जनसंख्या ने तो विकास की गति में रोड़े ही डाल दिया है ,आज एक जाति विशेष को कई शादियों करने की छूट है, तथा इस जाति में नारी को केवल भोग की वस्तु माना जाता है उनके कई- कई बच्चे होने से देश की जनसंख्या अंधाधुंध तेजी से बढ़ रही है आजादी के बाद जिस गति से इस जाति की जनसंख्या में वृद्धि हुई है वह अचम्भित करने वाला है। उनकी बस्तियों में जाने पर दीवारों पर एक नारा पढ़ने को मिलता है। *जिसकी जितनी संख्या भारी सियासत में उनकी उतनी हिस्सेदारी*
क्या इस सोच से जनसंख्या नियन्त्रित हो पायेगी।
आज के दिन पर केवल जनसंख्या नियंत्रण के लिये चर्चा ही नहीं करनी है बल्कि देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिये ठोस कानून बनाने के लिये केन्द्र सरकार से मांग करनी है।
11 जुलाई को वर्ल्ड पॉपुलेशन डे यानी विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। विश्व जनसंख्या दिवस की स्थापना 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल – यूएनडीपी द्वारा की गई थी.
11 जुलाई 1987 तक विश्व में जनसंख्या का आंकड़ा 5 अरब के पार पहुंच चुका था. तब दुनिया भर के लोगों को बढ़ती आबादी के प्रति जागरूक करने के लिए इस दिन को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के रूप में निर्धारित करने का निर्णय लिया गया था और दिसंबर 1990 में इसे आधिकारिक बनाया गया।
विश्व जनसंख्या दिवस हर वर्ष एक नई थीम के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष की थीम “अधिकार और विकल्प उत्तर हैं. चाहे बेबी बूम हो या बस्ट, प्रजनन दर में बदलाव का समाधान सभी लोगों के प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों को प्राथमिकता देना है।
विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य उन मुद्दों पर प्रकाश डालना है जो पृथ्वी पर जनसंख्या में निरंतर वृद्धि के साथ उत्पन्न हो सकते हैं।यह जागरूकता फैलाने के लिए है कि अगर हम पृथ्वी पर बहुत अधिक लोगों का बोझ डालते हैं, तो यह किस प्रकार पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है.
विश्व जनसंख्या दिवस के दिन परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, मानवाधिकार, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य, और स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जाता है।
हमारे देश में जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी में आपतकाल में नसबंदी कराकर एक प्रयास किया था । परन्तु इसमें भीखुली राजनीति की गई एक जाति विशेष के लोगों को छूडा गया तथा दूसरी ओर हिन्दुओं को पकड़- पकड़ कर नशबंदी की गई इस भेदभाव पूर्ण नीति का ये परिणाम रहा कि 1977के आम चुनाव में इन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा है।
चीन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बना कर अपनी जनसंख्या को बहुत हद तक नियंत्रण कर दिया है।
भारत के परिपेक्ष्य में तो जनहित में कोई कानून बनाना टेढ़ी खीर है।
उ0प्र0ने इस दिशा में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का एक सार्थक प्रयास किया तो विपक्ष का पेट दर्द हो गया पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद ने बेहूदा बयान दे डाला जब ये लोग सत्ता में रहे होगे तो केवल और केवल जाति विशेष के काम किये होगें। आम जन का भला इतनी गंदी मानसिकता वाला मंत्री कर ही नहीं सकता है।
एशिया महाद्वीप में सर्वाधिक जनसंख्या चिन्ता का विषय है यह विश्व के 18% भू भाग में फैला है तथा 67%जनसंख्या इस महाद्वीप में निवास करती है।जो कि चिन्ता जनक है।
भारत की बढ़ती जनसंख्या के कारण देश में समस्याओं की बाढ़ सी आ गई है विश्व कि लगभग 7अरब जनसंख्या है तथा भारत कि1.3० अरब जनसंख्या है जो कि विकास के लिये अभिशाप है।आज देश में बढ़ते अपराध ,पर्यावरण प्रदूषण बेरोजगारी, आदि सभी समस्याओं का जन्म जनसंख्या ही है।
अजीबोगरीब बिडम्बना है कि सरकार द्वारा करोड़ों जनसंख्या या बीपीएल राशन कार्ड धारको को मुफ्त या न्यून मूल्य पर राशन बाटी जाती है।एक राशन कार्ड पर 20से 25यूनिट धारको को मुफ्त में राशन और अन्य सुविधाएं मिल रही है इससे बडी़ भारी जनसंख्या बिना श्रम किये ही खाद्य सामाग्री पा रही है। तथा यह जनसंख्या ,राष्ट्र की विकास में कोई योगदान नहीं कर रहे है ।जो लोग टैक्स दे रहे है उस टैक्स से मुफ्त की राशन खा रहे है।
मुफ्तखोरी का देश में सबसे बडा़ उदाहरण आज दिल्ली बना हुआ है बिजली , पानी, खाद्यान, न जाने क्या क्या मुफ्त दिया जा रहा है। इस तरह से देश की बहुत बडी़ जनसंख्या को बैठे-बैठे मुफ्त में राशन देना जनसंख्या को बढाने का एक कारण ये भी है।
बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिये केन्द्र सरकार को चीन के समान ही कुछ कठोर कानून बनाना चाहिए। ताकि बढती जनसंख्या को नियन्त्रित किया जा सके।
उ0प्र0 की सरकार ने आज के दिन पर *जनसंख्या नियंत्रण* कानून बना का देश के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है।

— *कालिका प्रसाद सेमवाल*

कालिका प्रसाद सेमवाल

प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रतूडा़, रुद्रप्रयाग ( उत्तराखण्ड) पिन 246171