स्कूल के दिन
वो स्कूल वाले दिन
आगे जिंदगी उन सबके बिन
अपने बच्चों की तरह हमें पढ़ाना
हम सभी का आपको सताना
अपनी गल्तियों के लिए डाट खाना
स्कूल ना जाने के लिए बनाने वाला बहाना
उन हसीन यादों में आज भी गुम हो जाते है
वो स्कूल के दिन बड़े याद आते है…
हर बात याद आती है वहाँ की
उन यादों को ना भूल जाना
प्रार्थना के स्वर गाना बजाना
कार्यक्रमों में खुद नाचना गुरुजनों को नचाना
याद करके अपनी नादानियाँ मन ही मन मुस्कुराते है
वो स्कूल के दिन बड़े याद आते है…
वो बीच पीरियड में ही स्कूल से भाग जाना
बेस्वर गाना गा के टेबल बजाना
मिल बाट कर पिने वाला एक बोतल का पानी
याद करेंगे सारी नदानी
वार्षिक उत्सव मे खेल के मैदान मे जान लगाना
15 अगस्त 26 जनवरी में स्वाभिमान से तिरंगा लहराना
हम नही भूले उन शिक्षकों को जो अपनो सा रिश्ता निभाते है
वो स्कूल के दिन बड़े याद आते है…
— जुबेर जिलानी