कविता

कुछ पल प्रकृति के संग

सुन, सखी री !
भावों और विचारों को
देकर कुछ विराम,
अंतर्मन में मुस्कान लिए
कुछ पल,
चहचहाते पंछियों और
प्रकृति संग,
पहाड़ों पर अपने घर-आँगन में
बिताते हैं।

रचयिता – आचार्या नीरू शर्मा
शिक्षिका / लेखिका
स्थान – कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश ।

आचार्या नीरू शर्मा

नाम आचार्या नीरू शर्मा है। मेरी जन्मभूमि देवभूमि हिमाचल प्रदेश है । मैं एक शिक्षिका व लेखिका हूँ । शिक्षा - एम.ए./आचार्या/ बी.एड। शिक्षिका के रूप में कार्य करते हुए 15 साल हो गए हैं । लेखन से जुड़े हुए लगभग 10 साल हो गए है। कुछ साहित्यिक मंचों से जुड़ी हूँ जिन पर रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं व सम्मान पत्र प्राप्त हुए हैं। दो साझा काव्यसंग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। मेरी रुचि - पठन/लेखन/भ्रमण/बागवानी आदि में है।