किरायेदार (हायकू)
किरायेदार
तुम्हारा दिल प्रिये
बदल गया।
इंतजार था
मकान मालिक को
तू लौटी नहीं।
इश्क़ अधूरा
छोड़ना चाहा नहीं
लौटा लाया हूं।
किराया फ़िर
उतना ही देना तू
पहले जैसा।
तेरा कमरा
आज भी वैसा ही है
जैसा छोड़ा था।
देखने आए
नए किरायेदार
चले गए वो
रोक न पाया
तुम्हारे कमरे में
किसी को भी मैं।
कमरा वही
मालिक भी वही है
पहले जैसा।
तुम्हारा दिल
मैं नहीं जानता हूं
वैसा ही है क्या?
— डॉ. विकास सिंह