हाइकु/सेदोका

किरायेदार (हायकू)

किरायेदार
तुम्हारा दिल प्रिये
बदल गया।
इंतजार था
मकान मालिक को
तू लौटी नहीं।
इश्क़ अधूरा
छोड़ना चाहा नहीं
लौटा लाया हूं।
किराया फ़िर
उतना ही देना तू
पहले जैसा।
तेरा कमरा
आज भी वैसा ही है
जैसा छोड़ा था।
देखने आए
नए किरायेदार
चले गए वो
रोक न पाया
तुम्हारे कमरे में
किसी को भी मैं।
कमरा वही
मालिक भी वही है
पहले जैसा।
तुम्हारा दिल
मैं नहीं जानता हूं
वैसा ही है क्या?
— डॉ. विकास सिंह

डॉ. विकास सिंह

असिस्टेंट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष संस्कृत विभाग, मारवाड़ी महाविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा, बिहार् Education M.A., M. Phil. & PhD (School of Sanskrit and Indic Studies, JNU) Pali Certificate Course (School of Sanskrit and Indic Studies, JNU) Mongolian Certificate Course (Center for Korean Studies/SLL&CS, JNU) Mongolian Diploma Course (Center for Korean Studies/SLL&CS, JNU) M.A. in Translation Studies (School of Translation Studies and Training, IGNOU) Bhasha Indonesian Certificate Course (Embassy of the Republic of Indonesia, New Delhi) [email protected] Mobile - + 91-9711570933