हे ईश्वर !
हे ईश्वर ! सुखदाता
दयादृष्टि ऐसी रखना
मेरे प्रभु…!
जीवन जिऊं सादगी से
कर्मपथ चलूं निडरता से
मन में लिए सद्भावना
हृदय में भरी हो शांति ।
व्यवहार हो मेरा मृदुल
सभी प्राणियों से हो स्नेह
सदा रहूं शुद्ध शाकाहारी
ऐसी दयादृष्टि रखना त्रिपुरारी ।
हे ईश्वर ! सुखदाता
मेरे भाग्य विधाता ।।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा