मथुरा
तीन लोक से न्यारी मथुरा
तीर्थों का सिरमौर है मथुरा
ऋषियों का वरदान मथुरा
गैया, गोपी, ग्वाल है मथुरा
उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम
शहर कोतवाल, शिव हैं मथुरा
कंस टीला, चामुंडा शक्ति पीठ
नंदगांव/गोकुल धाम है मथुरा
संस्कृति का श्रृंगार अर्चन
पथवारी/ मसानी है मथुरा
होता है अध्यात्म का दर्शन
भक्ति का संसार है मथुरा
कुंज गलिन में रास रचाए
भगवद्गीता का सार है मथुरा
यमुना का स्नान है सवेरे,
श्री रंगजी के दर्शन हैं मथुरा
यहां की हर बात निराली
खानपान की जगह है मथुरा
मक्खन मिश्री,पेड़ा,(कुल्हड़)लस्सी
खुरचन, रबड़ी संसार है मथुरा
खीर, पूरी, कचौरी, बेड़ई
आलू सब्जी दिलदार है मथुरा
कद्दू, लौंजी, रायता सन्नाटा
दही भल्ले और चाट है मथुरा
रस से भरी गरम जलेबी
इमरती जायकेदार है मथुरा
पीते हैं जब भांग ठंडाई
होली का हुड़दंग है मथुरा
यम की त्रास मिटाने वाला
भवबंधन से मुक्ति है मथुरा
मानसी गंगा अति पुण्य दायिनी
यमद्वितीया स्नान है मथुरा
कुंज बिहारी वृंदावन में,
सर्व ज्ञान का केंद्र है मथुरा
बरसाने की राधा जू प्यारी
राधे राधे हो रही है मथुरा
रमणरेती की रज में लोटपोट
कुंड, कदंब और घाट हैं मथुरा
द्वारिकाधीश की जन्म स्थली
चारों धाम विराज रहे हैं मथुरा
राधाकुंड और कुसुम सरोवर
गोर्वधन गिरिराज है मथुरा
ब्रज रज उड़ मस्तक लगे
मुक्ति मुक्त हो जाए, है मथुरा
— मनु वाशिष्ठ