कविता

सृष्टि के सृजनकर्ता को नमन

प्रकृति में अद्भुत जीव हैं

अद्भुत वनस्पतियों की भरमार है,

हे सृष्टि के सृजनकर्ता

आपको बारम्बार नमस्कार है! 

रंग रंग के फूल खिले हैं बागों में 

वन-उपवन में हरियाली की बहार है,

हे सृष्टि के सृजनकर्ता

आपको बारम्बार नमस्कार है!

कल-कल बहती हैं नदियाँ धरा पर 

गगन नीले श्वेत बादलों से सदा गुलजार है, 

हे सृष्टि के सृजनकर्ता 

आपको बारम्बार नमस्कार है! 

पक्षी चहक रहे हैं पेड़ों पर 

बाग-बगीचों में बह रही शीतल बयार है,

हे सृष्टि के सृजनकर्ता

आपको बारम्बार नमस्कार है!

चहुंओर बिखरी है प्रकृति की शोभा 

ये आपका का ही भव्य अनुपम चमत्कार है, 

हे सृष्टि के सृजनकर्ता

आपको बारम्बार नमस्कार है!

— हरेन्द्र श्रीवास्तव

हरेन्द्र श्रीवास्तव

कार्यक्षेत्र - पर्यावरण विशेषज्ञ एवं विज्ञान लेखक पताः जिला - प्रयागराज, उत्तर प्रदेश संपर्क - 8303926914