कविता

कविता – गुरूओं का सम्मान

इंसान की इन्सानियत तक ले जाने वाले,
गुरूओं का हो सम्मान।
जिन्दगी भर ज्ञान बाटते रहे,
उनका रोज होना चाहिये सम्मान।।1।।
ज्ञान वह खजाना है जो,
अच्छे विचारों को करता आदान-प्रदान।
जितना बाटो इतना बढ़ता,
यही सिखाते हमारे गुरूजन।।2।।
जिन्दगी शुरू करने के लिए गुरूओं का,
मिलता हमें वरदान।
जिनके चरणों की धूल हमारे माथे पर लगे
करो गुरूजनों को शत्-शत् नमन्।।3।।
गुरू ज्ञान देते जीवन हमारा सफल बनाते,
ऐसे गुरूओं का होना चाहिए सम्मान।
समाज सुधारक देश हित परोपकारी होते,
कुरीतियों दूर होती, अच्छे देते ज्ञान।।4।।
शिष्य बढ़े-बढ़े पद पा लेते गर्व होता,
ऐसे शिक्षकों का समाज में हो सम्मान।
ज्ञान दान सबसे बड़ा दान है कम नही होता,
देने से बढ़ता जाता देने वालों का करो सम्मान।।5।।
बड़ी खुशी है समय-समय पर,
गुरूजनों का होता सम्मान।
उत्सव जैन कहता प्यारे,
गुरूओं के बिना अधूरा अपना जीवन।।6।।
इंसान से ……………………….

— उत्सव जैन ‘कवि’

उत्सव जैन ‘कवि’

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