कविता

गुलाबी ठंड 

बारिश विदा हो गई 

बादल साफ हो गये

मौसम बदल रहा है 

रफ्ता- रफ्ता… 

दबे पांव आने लगी 

गुलाबी ठंड

रातें हुईं धीमे-धीमे सर्द

दिन को कुछ-कुछ महसूस होती है 

गर्मी

परंतु आहिस्ते -आहिस्ते दिन भी हो जाएंगे

ठंडे ।

बहरहाल मौसम सुहाना है 

न गर्मी, न सर्दी, न बारिश 

एक अलग ही आनंददाई मौसम 

गुलाबी ठंडक वाला…

सब मजे में हैं

चाय, मूंगफली, गुड़ की मिठाई

वाले मौसम में, 

गुलाबी ठंडक वाले मौसम में… ।।

— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111