कविता

तेरे होने का वहम

और कोई ग़म फिर ग़म न लगा,

इक तेरे जाने के ग़म के बाद।

बैठे हैं मुँह फेर के सच्चाइयों से,

तेरे होने के इस वहम के बाद।

ताक़त ये सहने की खत्म होने को है,

टूट जाऊंगा शायद इस सितम के बाद।

रहने दो ज़िन्दा यादों के सहारे,

मौत, तू आना इस भरम के बाद।

किसी और को चाहूँ, मुमकिन ही नहीं,

मोहब्बत ही छोड़ आए उस सनम के बाद।

— मुकेश जोशी ‘भारद्वाज’

मुकेश जोशी 'भारद्वाज'

पता - ग्राम - टकौरा, पोस्ट ऑफिस - ऐंचोली, जिला - पिथौरागढ़, उत्तराखंड, 262530 मोबाइल नंबर - 9719822074 व्यवसाय - शिक्षक प्रकाशित कृतियाँ - हिंदी से हम, सृजन के फूल, चंद्रयान साझा काव्य संग्रह, सहित्यनामा पत्रिका में समय समय पर कविताएं प्रकाशित।