राहु केतु शनि की वक्र दृष्टि के कारण घट रहीं
विधान द्वारा रचित इस लोक के चुनाव से पहले होने वाली घटनाओं को देखते हुए 29 फरवरी के बाद वाले समय पर राजनैतिक दृष्टि डाली जाए तो आर्थिक रूप से सामाजिक क्षेत्र में असर पड़ने वाला है वह धार्मिक पद्धति के कारण रीति रिवाज के चलते विभिन्न क्षेत्र के नागरिकों , नेताओं आदि के इधर से उधर होने पर जो हलचल होने वाली है उसको देखते हुए राहु , केतु और शनि की नजर वक्री होती हुई दिखाई दे रही इसका सीधा असर आने वाले 2 – 4 दंगल में देखने को मिलेगा यह एक ऐसी राजनैतिक रूप से खगोलीय घटना है जो दिलचस्प रहेगी । इसमें लाल , हरा , आसमानी , सफेद , भगवा जैसे कई रंग हवा में उड़ते हुए नजर आएंगे तथा आने वाले दिनों में फागुन ( चुनाव ) फड़के वाली स्थिति नजर आ रहा है । ऐसे में सूर्य और शनि के साथ राहु के मजबूत संबंध से केतु का कई राशियों पर प्रभाव सूर्य जैसी चमकदार कुर्सी की तरह पड़ेगा और शनि द्वारा अपने वाहन दौड़ाने से राहु न्याय के लिए केतु से किस पर , कितना , कौन सा प्रभाव या दबाव डालेगा इस पर गणना होने के बाद स्थिति स्पष्ट नजर आएगी क्योंकि , राहु ( ल ) नामक जो ग्रह है वह सभी के लिए न्याय की यात्रा पर निकला हुआ है मेरी बात का गलत अर्थ न निकाला जाएं । अभी जो चुनावी बसंती बयार बहने वाली है उसको देखते हुए कई नेताओं का मन विचलित होता हुआ दिखाई दे रहा है इसलिए कुछ इधर उधर होने जैसे स्थिति में दिखाई देंगे । बसंती बयार में फूल खिलते हैं तो कुछ भंवरें बावरे हों कर पराग ( कुर्सी ) का आलिंगन करने फ़ूल के आसपास चक्कर लगाते रहते हैं । राजनीति में भी इस प्रकार की हलचल हो रही है । किन-किन राशियों पर इस हलचल का क्या क्या नहीं बल्कि क्या क्या प्रभाव पड़ने वाला है यहां समय के साथ अवसर का इंतजार करना पड़ेगा सभी थोड़ा धैर्य से काम लेवे ।
इस खगोली भूल भुलैया वाली घटनाक्रम में सूर्य , चंद्र , गुरु , राहु , केतु , शनि का किन-किन राशियों पर राजनीतिक वातावरण के चलते सामाजिक दृष्टि से आर्थिक रूप से क्या क्या धार्मिक प्रभाव पड़ने वाला वह इस प्रकार है ।
मेष , वृषभ , मिथुन , कर्क राशि के व्यक्तियों पर प्रभाव – सूर्य की तेज रोशनी के कारण इन राशि वाले व्यक्ति जो राजनीति में अपना दबदबा रखते हैं उनके लिए बहुत ही अनुकूल समय चल रहा है उन्हे चंद्रमा की तरह शीतल बने रहना चाहिए और सामाजिक कुर्सी को मजबूत करने में सियासत रूप से प्रयासरत रहना होगा क्योंकि हमारी आस्था के नाथ को कर कमल वाले चाहते हैं । ( न ) कुल मिलाकर मोहन , कैलाश जैसे भगवान , नाथ के हाथ से निकली ज्योति को वह खोना नहीं चाहते हैं । कूटनीति के चलते ख्वाबों की स्वप्न सुंदरी कुर्सी को राजनीति के इतिहास में संभवतः ऐसा कभी नहीं हुआ की कोई उसे छोड़ो सकता है ।
सिंह , कन्या , तुला , वृश्चिक राशि वाले जातक पर प्रभाव – प्रायः जीवन की आपाधापी में यह प्रश्न हमारे जीवन में किसी आन्दोलन की तरह मन में उठते रहेंगे की , सामाजिक दृष्टि से देखते हुए धार्मिक आवरण ओढ़ कर आर्थिक स्थिति को कैसे मजबूत करने के लिए किस प्रकार की राजनैतिक रूचि के चलते महत्वाकांक्षाएं , मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए किस प्रकार से व्यवहार अमल में लाया जाना चाहिए । यही वह प्रश्न है जिसका हाल समय रहते मिल सकता है बस इन राशि वाले जातकों को थोड़ा सा अपनी मजबूरी का ध्यान रखकर कार्य करना है जो किसी सत्य की ( कुर्सी ) ओर अग्रसर करते हैं। जो सतत इस प्रयास में लगा रहेगा वह सफलता प्राप्त करता रहेगा ।
धनु , मकर , कुंभ , मीन राशि वाले व्यक्तियों पर जीवित और निर्जीव वस्तु किसी न किसी आकर्षण के कारण ही अपने ( कुर्सी ) स्वरूप में दृष्टिगोचर है। किसी पद , पैसा और प्रतिष्ठा को किसी राजनीतिक तिकड़म के चलते सामाजिक स्थिति को भली भांति भांपते हुए , जानते हुए , पहचानते हुए अपने आप को धार्मिक माहौल में डालकर कुछ आर्थिक रूप से दान देने से मन वांछित रूप से सोचें गया विचार या योजना के फलीभूत होकर किसी शक्ति से बलवान होती हुई दिखाई दे रही है। इन राशियों में कुछ ग्रहों की चाल बाहुबली की भांति दिखाई दे रही है जो समय आने पर अपना काम दिखाएंगे ।
बसंती बयार के फागुन में मित्र राशियां मंगल की स्थिति में दिख रही हैं वह इसलिए कि सब अपने दल , समूह , पंथ , जमात को छोड़कर इधर-उधर भागने का जों सुख प्राप्त होने वाला है उसकी संभावना दिखाई दे रही है कुछ ग्रह नक्षत्र की चल को देखते हुए विशेष गणना को आधार मानकर हिंदू , मुस्लिम , सिख , इसाई , जैन , बौद्ध , अगड़ी , पछाड़ी जैसी कई जाति सूचक व्यक्ति को विशेष नाम , पद मिले हुए हैं जिसकी छत्रछाया में बहुत कुछ प्राप्त करने वाले हैं उन्हें अपने दायित्व , कर्तव्य , और अधिकार के चलते बंटवारे से 2 – 4 कुर्सियां बैठने को मिल सकती है जिस पर बैठकर सर्व सुविधा युक्त राजयोग प्राप्त करेंगे ।
— प्रकाश हेमावत