अभी तो आधी रात है
अभी तो आधी रात है,
गली में कुत्ता भौंक रहा है।
जरूर कोई बात है,
पर ये न समझो की चोर आया है।
वो रात में क्यों आएगा,
वो तो आजकल दिन में ही लूटकर
रात को आराम करता है।
फिर कौन आया है,
जो कुत्ता भौंक रहा है।
चलो घर से बाहर निकलकर देखते हैं,
की आखिर माजरा क्या है?
घर से बाहर निकलकर देखा तो,
लगा कुछ मजलूम खड़ा है।
लिपटे वह गंदे चिथड़े में
ऐसा लगता है कुछ खोज रहा है।
गया पास उसके पूछा,
आधी रात को भला क्यों आया है,
वह बोला लाचार है,
बच्चा बहुत बीमार है।
इसलिए इलाज करवाने को,
वो डॉक्टर के द्वार आया है।
मैं भी साथ खटखटाया द्वार,
तो डॉक्टर घर के अंदर से बोलता है,
कौन है बेवकूफ
जो आधी रात आया है ?
क्या दिन नहीं होगा
जो मुझे सोते से जगाया है ?
मैं दोगुणा फीस लूंगा
क्योंकि तू आधी रात आया है।
मजलूम बोला घर बेचकर दे दूंगा साहब,
चिन्ता तुम्हें क्यों समाया है?
मजलूम मेरी ओर अश्रुपूर्ण देखा और बोला,
साहब अब कुत्ता चोरों पर नहीं ,
मजलूमों पर ही भौंकता है।
— अमरेन्द्र