पुष्प से बढ़ता स्थान का सौंदर्य
जहाँ तालाब या झील हो वहाँ कमल के फूल के पौधे रोपित कर धार्मिक कार्य हेतु पुष्प,कमल डंडी (जड़),कमल गट्टा आहार हेतु प्राप्त की जाकर आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सकता है।कमल गट्टे को कच्चा भी खाया जाता है और पकने पर फोड़ कर भी गिरी खाई जाती है। कच्चे बीज छिलके अलग कर खाए जाते हैं और मूंगफली जैसे लगते है।सार ये है कि जहाँ गढ्ढो में पानी संग्रहण होता,झील,तालाब,स्टॉप डेम, निस्तार तालाब में कमल के पुष्प की खेती हेतु नियमानुसार अनुमति प्राप्त कर इस खेती को बढ़ावा दिए जाने से रोजगार की दिशा में बेरोजगारों को अवश्य राहत प्रदान करेगी।साथ ही ये स्थान का सोंदर्य भी बढ़ाती है।सफेद एवं लाल रंग के अलग अलग आकार में पुष्प होते है।
— संजय वर्मा “दृष्टि”