सामाजिक

भारत में महिला सशक्तिकरण??

भारत में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और हत्या के मामलों की स्थिति चिंताजनक है। अक्सर इन वारदातों के बाद कुछ दिनों तक कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा होता है, और फिर स्थिति ठंडी पड़ जाती है।ऐसा ही एक ताजा मामला मध्यप्रदेश से सामने आया है। सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं पत्रकारों व नेताओं में गहरा रोष व्याप्त है। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी शासित प्रदेश मध्य प्रदेश के उज्जैन में दिन के समय एक महिला के साथ सरेआम बलात्कार की घटना सामने आई है।कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह वारदात कोयला फाटक इलाके में हुई, जिसे कई लोगों ने देखा, लेकिन किसी ने भी इस हैवानियत भरी घटना का विरोध नहीं किया। घटना का वीडियो बनाया गया और सोशल मीडिया पर साझा किया गया। पुलिस के मुताबिक आरोपी लोकेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है, और पुलिस ने मामला दर्ज कर पीड़ित महिला का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया है।पाठकों हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक , साल 2017 से 2022 तक बलात्कार/सामूहिक बलात्कार के साथ हत्या के 1,551 मामले दर्ज किए गए, यानी औसतन हर सप्ताह करीब पांच मामले सामने आए। उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा घटनाएं हुईं, उसके बाद मध्य प्रदेश और असम का स्थान रहा। सजा की दर 65% के बावजूद अदालतों में लंबित मामलों की संख्या दोगुनी हो गई है और कई मामले सबूतों के अभाव में बंद हो गए हैं।गौरतलब है कि मध्य प्रदेश का उज्जैन, जो मुख्यमंत्री मोहन यादव का गृहनगर है, में दिन के समय सरेआम बलात्कार की यह घटना कई लोगों के लिए चौंकाने वाली है। बलात्कार की यह घटना बुधवार दोपहर को उज्जैन के सबसे व्यस्त चौराहे, कोयला फाटक इलाके में फुटपाथ पर हुई। कई लोगों ने घटना देखी, लेकिन विरोध के बजाय किसी ने यौन उत्पीड़न का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।
विपक्षी कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की है, जिससे राज्य और देश की राजनीति तेज़ हो गई है। उज्जैन सीएम मोहन यादव का गृहनगर है और उनके पास गृह विभाग भी है।
गुरुवार रात को सोशल मीडिया पर चौंकाने वाला फुटेज सामने आने के बाद पुलिस ने पीड़ित महिला का पता लगाया और उसे मेडिकल टेस्ट के लिए ले गई। उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा के मुताबिक , उसे थाने लाया गया, जहां मामला दर्ज किया गया। एसपी ने कहा, आरोपी लोकेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने कहा कि वह पीड़ित महिला को जानता था। मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक , लोकेश ने पीड़िता को शराब पीने के लिए मजबूर किया, उसके साथ बलात्कार किया और फिर भाग गया। पुलिस के मुताबिक , पीड़ित महिला ने कहा कि लोकेश ने उसे शादी का झांसा दिया, उसे शराब पीने के लिए मजबूर किया और फिर बलात्कार किया। मारपीट के बाद, उसने कथित तौर पर उसे धमकाया और भाग गया। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने गुरुवार रात को एक्स  पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, पवित्र शहर उज्जैन एक बार फिर शर्मसार हुआ है। सत्ता में बैठे लोगों को या तो शर्म से मर जाना चाहिए या इस्तीफा दे देना चाहिए।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ट्वीट किया, धर्मनगरी उज्जैन एक बार फिर कलंकित हुई है! इस बार भी काला टीका उज्जैन की कानून-व्यवस्था के माथे पर ही लगा है! यह सोचकर ही स्तब्ध हो सकता है कि मध्यप्रदेश में अब दिनदहाड़े, खुली सड़क पर बलात्कार शुरू हो गए हैं। ऐसा तभी संभव है जब कानून और सरकार का असर पूरी तरह से खत्म हो जाए! यदि मुख्यमंत्री के गृहनगर के ये हाल हैं, तो बाकी प्रदेश के हालात आसानी से समझे जा सकते हैं। दलित और आदिवासी महिलाओं के साथ लगातार हो रहे अत्याचार को भी महसूस किया जा सकता है! अब गृहमंत्री या मुख्यमंत्री नहीं, प्रदेश सरकार के एक-एक मंत्री से सवाल है! शर्म से डूब मरो या कुर्सी छोड़ दो! बेशर्मी से भरी इस निर्लज्ज व्यवस्था के खून में आखिर उबाल कब आएगा? गौरतलब है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो  के हवाले से पहले ही खबरों में बताया जा चुका है कि 2022 के दौरान महिलाओं के खिलाफ हुए कुल अपराधों के तहत 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 (4,28,278 मामले) की तुलना में 4 फीसदी की वृद्धि को दर्शाते हैं। लेकिन एनसीआरबी की तालिका 3ए.1 और तालिका 3ए.2 की छानबीन करने से पता चलता है कि हत्या के साथ बलात्कार/सामूहिक बलात्कार की श्रेणी में 2017 और 2022 के बीच 1,551 मामले दर्ज किए गए। हत्या के साथ बलात्कार/सामूहिक बलात्कार के सबसे अधिक 294 मामले 2018 में और सबसे कम 219 मामले 2020 में दर्ज किए गए थे।अगर वर्षवार इसकी व्याख्या करें तो पाएंगे कि 2017 में यह संख्या 223 थी; 2019 में 283; 2021 में 284 और 2022 में 248। छह वर्षों के राज्यवार आंकड़ों से पता चला है कि यूपी में सबसे अधिक मामले (280) दर्ज किए गए, उसके बाद मध्य प्रदेश (207), असम (205), महाराष्ट्र (155) और कर्नाटक में (79) मामले दर्ज किए गए हैं।

— जुनैद मलिक अत्तारी

जुनैद मलिक अत्तारी

स्वतंत्र लेखक पत्रकार नई दिल्ली

Leave a Reply