पर्यावरण

खूबसूरत तितलियों की ओर भी ध्यान दिया जाए

शहरीकरण की वजह से विलुप्त होने वाली पहली तितली एक्सेरसिस ब्लू से. उम्मीद है इस बार इंसान इन्हें संरक्षित कर लेंगे।तितलियों के तितली उधान कई स्थानों पर निर्मित है।और कई स्थानों पर बनाए जाने की पहल भी की गई है।नर तितलियों के लिए गर्मी के मौसम में फूलों के बगीचों मे छोटे गढ्ढे बनाकर उसमें पानी भर कर रखने से मड पडलिंग हेतु स्थान बनता है जो मादा तितली के लिए सोडियम एवं अमिनो एसिड इन्ही स्थान से प्राप्त कर नर लाकर मादा तितली के जरिए अंडों को पूर्ण विकसित कर तितलियों की संख्या बढ़ाने में मददगार होता है।किसान भी अपने खेतों के कुछ हिस्से में फूलों के पौधे लगाए ताकि तितलियों को पराग हेतु आहार की प्राप्ति हो सके।तितलियों की संख्या में वृद्धि होने से रंग बिरंगी तितलियों को बच्चे महज किताबों के अलावा वास्तविक रूप से अपने आस पास देख सकें।किसानों के सहयोग,एवं तितली उधान के होने से तितलियां विलुप्त होने से बच सकेगी।तितली हमें अपने आस-पास के परिवेश में आसानी से दिख जाती है। ये तितलियाँ अपने जीवन-चक्र को पूरा करने के लिए फूलों के पराग पर ही निर्भर हैं। बाग-बगीचों, फूलों, गार्डन, कृषि क्षेत्रों, शाक-सब्जी की क्यारियों जैसी प्रायः हर जगहों पर आप इसे मंडराते हुए देख सकते हैं। खुबसूरत होने के साथ-साथ इन तितलियों की हमारे पर्यावरण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। तितलियाँ अनेकों प्रजातियों के पौधों में परागण का कार्य करती हैं। हमारे पर्यावरण एवं जैवविविधता के संतुलित संचालन हेतु इन खुबसूरत तितलियों का संरक्षण करना अत्यन्त अनिवार्य है!

— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच

Leave a Reply