आप जैसा कोई
(बीईओ डॉ मसानिया को समर्पित)
आप जैसा पहले न कोई आया
और न शायद आयेगा।
कौनसा अधिकारी आप जैसा
स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ायेगा ।।
अधिकारी आते हैं स्कूल में
दो मिनिट रुक रौब झाड़ चले जाते है।
शाला की वर्षो की समस्या को
न जाने कैसे दो मिनिट में हल कर जाते है।।
आप न सिर्फ बच्चों को पढ़ाते हैं
बल्कि हर समस्या का समाधान सुझाते है।
हर अधिकारी के लिए आप एक
नई मिसाल पेश कर जाते है।
— विष्णु परिहार “ज्ञान श्री”