गीत/नवगीत

वीर बाल दिवस – 26 दिसम्बर (गुरु गोविंद सिंह के बच्चों का बलिदान दिवस)

‘वीर बाल’ का दिवस मनायें, वीरों के सत्कार में।
चुनवाये थे नौनिहाल दो, मुगलों ने दीवार में।
वीर बाल०
गुरु गोविंद सिंह द्वय बालक, होनहार विरवान थे,
झुके नहीं प्रण ऊपर रक्खा, धर्म भीरु मतिमान थे,
जोरावर सिंह और फतह सिंह, डटे रहे प्रतिकार में।।
वीर बाल०
अपना धर्म श्रेष्ठ है जग में, भले स्वयं बलिदान हों,
भयकारी पर धर्म कहाये, गीता का सम्मान हो,
हँसकर के बलिदान हो गये, हुए अमर संसार में।।
वीर बाल०
सो निहाल जो बोले सत श्री, अकाल का उद्घोष था,
भले दुधमुँहे थे बालक पर, नाहर जैसा रोष था,
शत् शत् नमन शेष है उनको, कृतज्ञता उपहार में।।
वीर बाल०

— शेषमणि शर्मा ‘शेष’

शेषमणि शर्मा 'इलाहाबादी'

जमुआ मेजा प्रयागराज उतर प्रदेश

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