व्यर्थ न हो जल की बरबादी
जल की बूंदें जीवन धारा
जल से जीव जगत है सारा।
जल से है जग में खुशहाली
जल से धरती में हरियाली।
हृदय में धड़कन है जल की
जल है जीवन आशा कल की।
जल ही तो जीवन है साथी
व्यर्थ न हो जल की बरबादी।
सागर में हलचल है जल की
मेघों में गर्जन है जल की।।
नौले, धारे भी है जल से
जल से ही घर-घर में नलके।।
जल से नदियां ताल सरोवर
जल तो है अनमोल धरोहर।।
बूंद -बूंद जीवन है साथी
व्यर्थ न हो जल की बरबादी।
व्यर्थ बहाएंगे यदि जल को
सोचो क्या होगा फिर कल को।
जल की कीमत जाननी होगी
हर एक बूंद बचानी होगी।
आओ मिलकर करें उपाय
जल बरबाद न होने पाय।
बूंद -बूंद जीवन है साथी
व्यर्थ न हो जल की बरबादी।
वन बहुमूल्य हैं उन्हें बचाएं
वृक्ष लगा हरियाली लाएं।
एक बूंद भी व्यर्थ बहे ना
नलका घर का खुला रहे ना।
संचित कर लें वर्षा जल को
काम यही आएगा कल को।
मन में निश्चय कर लें साथी
व्यर्थ न हो जल की बरबादी।।
— तारा दत्त जोशी