कविता

वो एहसास हो तुम

जिसके चलने से जीवित हूं मैं,
वो सांस हो तुम।
जिसके नाम से ही चेहरे पर खुशी छा जाये
वों एहसास हो तुम।
धमनियों मे दौड़ता हुआ
रक्त हो तुम,
शरीर में बहता हुआ,
अनुरक्त हो तुम।
सपने में जिसे देखता हूं
वो ख्वाब हो तुम।
जिसे मै चाह कर भी तोड़ नही सकता
वो गुलाब हो तुम।
जिसे मै बयां नहीं कर सकता
वो अरमान हो तुम।
जिसे मै चाह कर भी मना नही कर सकता
वो फरमान हो तुम।

— प्रशांत अवस्थी “रावेन्द्र भैय्या”

प्रशांत अवस्थी 'रावेन्द्र भैय्या'

आत्मज- श्रीमती रेखा देवी एवं श्री शुभकरन लाल अवस्थी. जन्मतिथि - 18 सितम्बर 2005. जन्म स्थान - ग्राम अफसरिया ,महमूदाबाद सीतापुर उ.प्र. शिक्षा- डी.एड.स्पेशल एजुकेशन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, मोबाइल नंबर -9569726127. G-mail- [email protected]

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