स्वच्छता की ओर बढ़ाए कदम
गर्मी के दिनों में पानी का महत्व कितना होता है सब परिचित है।कई स्थानों पर पानी की समस्या वहाँ पर स्त्रोतों के अभाव में बनी रहती है।जहां जल के स्त्रोत है वहाँ पर ज्यादा समस्या नहीं होती।कई स्थानों पर कुएं ,बावड़ी बने हुए है उसमें पानी है किंतु उसकी सफाई नही होने से ,उसके ऊपर जाली नही ढंकी होने से धूल,कचरा आदि पड़े होते है।यदि संस्था,या उसके मालिक सफाई पर ध्यान देवे तो निश्चित तौर पर पानी को पीने योग्य बनाया जा कर स्वच्छ जल की प्राप्ति क्षेत्र के रहवासियों को प्राप्त हो सकती है।ऐसे ही समस्या नदियों की भी है।स्थानीय स्तर पर गांव,शहर समीप से बहने वाली नदियों की भी है उसमें गंदे नालों का अपशिष्ट समाहित होता है।नदियों में काई, विसर्जन आदि भी पड़े दिखाई देते है।उस पानी से नहाने, आचमन करने से श्रद्धालु परहेज करने लगे है।क्योंकि गन्दा हुआ पानी से अनेक बीमारियों के उत्पन्न होने का अंदेशा बना रहता है।स्वच्छ जल प्राप्ति हेतु स्थानीय स्तर पर रूपरेखा बनाई जाकर स्थानों को चिन्हित कर सफाई का कार्य किया जाना चाहिए।ताकि स्वच्छ नगर में स्वच्छता का इजाफा हो सके।
— संजय वर्मा “दृष्टि”