क्षणिका
पेड़ो के काटे जाने की
घटना से व्यथित होकर
अब कुछ पेड़ ही बचे
जो प्रतिनिधित्व कर रहे
गाँव में बचे पेड़ो का
और लगा रहे अर्जी सूखे पत्तों से
शेष बचे पेड़ो को
बचाने और नए लगाने की।
— संजय वर्मा “दृष्टि”
पेड़ो के काटे जाने की
घटना से व्यथित होकर
अब कुछ पेड़ ही बचे
जो प्रतिनिधित्व कर रहे
गाँव में बचे पेड़ो का
और लगा रहे अर्जी सूखे पत्तों से
शेष बचे पेड़ो को
बचाने और नए लगाने की।
— संजय वर्मा “दृष्टि”